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4200 करोड़ का कर्ज लेकर प्रबंधन मौन

4200 करोड़ का कर्ज लेकर प्रबंधन मौनपहले फेज में 22.58 सौ करोड़ मूलधन एवं पांच सौ करोड़ ब्याज, दूसरे फेज में 19.40 सौ करोड़ रुपये मूलधन एवं 4.61 सौ करोड़ ब्याज. दिन-रात हो रही कीमती उपकरणों की चोरी. स्क्रैप की आड़ में करीब एक हजार करोड़ के उपकरण ढोये जा चुके हैं. राज्य सरकार नहीं […]

4200 करोड़ का कर्ज लेकर प्रबंधन मौनपहले फेज में 22.58 सौ करोड़ मूलधन एवं पांच सौ करोड़ ब्याज, दूसरे फेज में 19.40 सौ करोड़ रुपये मूलधन एवं 4.61 सौ करोड़ ब्याज. दिन-रात हो रही कीमती उपकरणों की चोरी. स्क्रैप की आड़ में करीब एक हजार करोड़ के उपकरण ढोये जा चुके हैं. राज्य सरकार नहीं ले रही है संज्ञान. बैंकों ने वसूली के लिए अदालत की शरण ली. हाजिर नहीं हो रहा है अभिजीत ग्रुप प्रबंधन. संदर्भ : अभिजीत ग्रुप का प्रस्तावित पावर प्लांट सुनील कुमार, लातेहार 1080 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य लेकर नागपुर से लातेहार आया अभिजीत ग्रुप प्लांट लगा कर गुम सा हो गया है. प्लांट लगभग 90 फीसदी पूरा हो चुका है और जब उत्पादन की बारी आयी, तो प्रबंधन ने हाथ खड़ा कर दिया है. दो फेज का संयत्र लगाने में अभिजीत ग्रुप ने प्रथम फेज के लिए 22 अरब 58 करोड़ 55 लाख 21 हजार 517 रुपये तथा दूसरे फेज के लिए कुल 19 अरब 16 करोड़ 41 लाख 71 हजार 144 रुपये कर्ज ले रखा है. गत अगस्त माह तक इन कर्ज के एवज में अभिजीत ग्रुप को पहले फेज की कर्ज के लिए चार अरब 61 करोड़ 45 लाख 70 हजार 446 रुपये ब्याज अदा करना है. प्रबंधन न तो ब्याज का भुगतान कर रहा है और न ही मूल धन का भुगतान कर रहा है. बल्कि कंपनी दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया में चल रही है. यहां तक कि सरफेशी एक्ट की धारा 13 (दो) की तरह कंपनी को बैंकों की वसूली प्रतिनिधि एरसिल (ऐसेट रेकोनस्ट्रक्शन कं.(इंडिया) लिमिटेड) ने 20.06.2015 को वसूली का नोटिस जारी किया है. तीन माह बीत जाने के बाद भी उक्त नोटिस का अभिजीत ग्रुप प्रबंधन ने जवाब तक नहीं दिया है. तब 25.07.15 को नोटिस अखबारों में प्रकाशित की गयी. सरफेशी प्रकाशन की अवधि बीत जाने के बाद एरसिल ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 148 (ए) के तहत वसूली हेतु सब जज प्रथम लातेहार की अदालत में केविएट पिटिशन संख्या 01/2015 दायर किया है. उक्त मामले में प्रबंधन को अदालत द्वारा सम्मन भी जारी किया गया है, लेकिन कपंनी गायब है और न तो किसी प्रतिनिधि के माध्यम से उपस्थित हुआ है. किन-किन बैंक से ले रखा हे कर्जअभिजीत ग्रुप की कारपोरेट पावर लिमिटेड ने गत 05.12.2009 को 12 वित्तीय संस्थानों एवं बैंकों से पहले फेज के लिए 2175 करोड़ रुपये का एकरार किया. जबकि दूसरे फेज के लिए आठ संस्थानों के लिए कुल 2387 करोड़ रुपये का कर्ज का एकरार किया. पहले फेज में ये हैं कर्जदाता- आरइसी लिमिटेड से 7084844276 रुपये, भारतीय स्टेट बैंक से 4471733152 रुपये, 655622146 रुपये, 266736000 रुपये, एसबीपी से 1286226297 रुपये, 76045007 रुपये,आंध्रा बैंक से 1628748227 रुपये, आइआइएफसीएल से 3997431876 रुपये, इलाहाबाद बैंक से 2574634163 रुपये, एसबीएच से 2851510606 करोड़ तथा इंडियन बैंक से 622309060 रुपये कर्ज लिया गया है. जबकि दूसरे फेज के लिए भारतीय स्टेट बैंक से 15070710786 रुपये व 574699560 रुपये, एसबीटी से 726541651 रुपये, एसबीपी से 735580503 रुपये, एलआइसी से 1055595533 रुपये, पंजाब नेशनल बैंक से 2426438461 रुपये, एसबीबीजेसे 735824866 रुपये तथा एसबीएच से 709463945 रुपये कर्ज ले रखा है.कोल ब्लाक हो चुका है रद्द, प्लांट के बीच है सरकारी भूमिअभिजीत ग्रुप का चितरपुर कोल ब्लॉक का आवंटन भी केंद्र सरकार द्वारा रद्द किया जा चुका है. कंपनियों के अधिकारियों एवं राज्य सरकार के रेवेन्यू पदाधिकारियों की गंठजोड़ से भूमि घोटाले का भी खुलासा हो चुका है. गत सोमवार को कंपनी के प्लॉट के बीचोबीच शिवपुर-टोरी रेलवे लाइन की भूमि माप कर निकाली गयी तथा अभिजीत ग्रुप प्रबंधन को तत्काल निर्माण हटाने का आदेश जिला प्रशासन लातेहार द्वारा दिया जा चुका है.

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