मेदिनीनगर : पलामू में खेल प्रतिभा निखरे तो कैसे? जब पास में खेल स्टेडियम या फिर कायदे का मैदान नहीं हो, तो क्या होगा. जब एकीकृत बिहार का जमाना था, उस समय मेदिनीनगर (तब डालटनगंज) में पुलिस स्टेडियम का निर्माण हुआ था. तब के तत्कालीन एसपी अमिताभ चौधरी के प्रयास से कई बड़े राज्य व राष्ट्र स्तरीय खेल हुए. शहर का पहला स्टेडियम था. लेकिन बाद में सुरक्षा कारणों से पुलिस स्टेडियम में आयोजन कम होने लगे.
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खेल प्रतिभाएं हो रही हैं कुंठित
मेदिनीनगर : पलामू में खेल प्रतिभा निखरे तो कैसे? जब पास में खेल स्टेडियम या फिर कायदे का मैदान नहीं हो, तो क्या होगा. जब एकीकृत बिहार का जमाना था, उस समय मेदिनीनगर (तब डालटनगंज) में पुलिस स्टेडियम का निर्माण हुआ था. तब के तत्कालीन एसपी अमिताभ चौधरी के प्रयास से कई बड़े राज्य व […]
धीरे-धीरे आयोजन लगभग बंद हो गया. तब शहर में एक स्टेडियम की जरूरत महसूस की गयी थी. अलग राज्य बनने के बाद वित्त वर्ष 2004-05 में जीएलए कॉलेज की भूमि पर स्टेडियम निर्माण की योजना स्वीकृत हुई. लेकिन यह योजना आज भी अधूरी पड़ी है. यद्यपि स्टेडियम का यह कार्य पूरा हो, इसके लिए पिछले कई वर्षों से कवायद की जा रही है. लेकिन अभी तक यह मूर्त रूप नहीं ले सका. ऐसे में प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर में स्टेडियम की कमी महसूस की जा रही है. उम्मीद की जा रही है कि इस माह के अंत तक अधूरे पड़े स्टेडियम का निर्माण कार्य शुरू हो जाये.
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