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अभी भी हो रही गंदे पानी की आपूर्ति

मेदिनीनगर : वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की सफाई के बाद भी मेदिनीनगर नगर निगम के लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है. जैसा की पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के लैब असिस्टेंट ने बताया कि बगैर चूना फिटकिरी का मिश्रण किये ही सीधे जलापूर्ति की जा रही है. मामले का खुलासा तब हुआ जब बुधवार को […]

मेदिनीनगर : वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की सफाई के बाद भी मेदिनीनगर नगर निगम के लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है. जैसा की पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के लैब असिस्टेंट ने बताया कि बगैर चूना फिटकिरी का मिश्रण किये ही सीधे जलापूर्ति की जा रही है. मामले का खुलासा तब हुआ जब बुधवार को मेदिनीनगर नगर निगम की मेयर अरुणा शंकर पंपूकल का औचक निरीक्षण करने पहुंची. उन्होंने यह जानना चाहा कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की सफाई हो चुकी है. अब लोगों को शुद्ध पेयजल मिल रहा होगा. लेकिन वहां जाने के बाद उन्होंने जो कुछ देखा वह हैरान करने वाला था.
निरीक्षण के दौरान मेयर श्रीमती शंकर के साथ डिप्टी मेयर राकेश सिंह उर्फ मंगल सिंह भी थे. निरीक्षण के क्रम में मेयर ने पाया कि पानी साफ करने के लिए जो चक्री है वह भी पिछले कई महीनों से खराब पड़ी हुई है. बताया गया कि पानी के सफाई के लिए ठेकेदार को काम दिया गया है. लेकिन ठेकेदार द्वारा अपेक्षित कार्य नहीं किया जा रहा है. एक माह पहले मेयर ने पंपूकल का निरीक्षण किया था. उस दौरान जो भी कमी पायी गयी थी उसका जिक्र करते हुए मेयर श्रीमती शंकर ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को पत्र लिखा था जिसमें कहा गया था कि शहरवासियों को शुद्ध पेयजल मिले इसे सुनिश्चित किया जाये.
मगर इसके बाद सिर्फ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की सफाई हुई और उसके बाद बिना पानी फिल्टर किये ही आपूर्ति शुरू कर दी गयी है. इस स्थिति को देखने के बाद मेयर श्रीमती शंकर ने इससे संबंधित ठेकेदार के भुगतान पर रोक लगाने की बात कही. मेयर ने कहा कि किसी भी कीमत पर नागरिकों के सेहत के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. उन्होंने कहा कि वह संबंधित पदाधिकारियों को पत्र लिखकर शुद्द पेयजल की आपूर्ति करायेंगे. डिप्टी मेयर मंगल सिंह ने कहा कि व्यवस्था को सुधारने के लिए सक्रियता के साथ काम हो रहा है.
35 किमी है पाइप लाइन
मेदिनीनगर शहरी जलापूर्ति योजना फेज वन के तहत शहर के लगभग 35 किलोमीटर पाइप लाइन बिछी है, जिसके माध्यम से जलापूर्ति की जाती है. कुछ दिन पहले जांच के क्रम में यह बात सामने आयी थी कि पंपूकल जहां से पानी की आपूर्ति होती है वहां के वाटर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में गंदगी जमा है. करीब पांच दिनों तक सफाई का काम चला था. उसके बाद से जलापूर्ति शुरू हुई. लेकिन जलापूर्ति शुरू होने के बाद एक बार फिर मेयर ने निरीक्षण किया तो यह मामला सामने आया कि बिना साफ किये ही जलापूर्ति की जा रही है.

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