मेदिनीनगर : मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र में पेयजल संकट गहरा गया है. भीषण गरमी के बीच पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है. नगर निगम क्षेत्र के कई ऐसे इलाके है जो ड्राइजोन के रूप में चिह्नित है. वहीं कई क्षेत्र ड्राइजोन की ओर तेजी से बढ़ रहे है. जल स्तर नीचे चले जाने के कारण चापानल भी जवाब दे चुके हैं. ऐसी स्थिति में लोगों को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. गुरुवार से इस्लाम धर्मावलंबियों का पवित्र रमजान माह शुरू हुआ. मुसलिम बहुल इलाके में जल संकट से जूझ रहे लोगों की परेशानी और बढ़ गयी है.स्थिति यह है कि जिस चापाकल से पानी मिल रहा है, वहां पानी भरने वालों की लंबी कतार लगी हुई रहती है.
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नदियां सूखी, चापानलों ने भी दम तोड़ा
मेदिनीनगर : मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र में पेयजल संकट गहरा गया है. भीषण गरमी के बीच पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है. नगर निगम क्षेत्र के कई ऐसे इलाके है जो ड्राइजोन के रूप में चिह्नित है. वहीं कई क्षेत्र ड्राइजोन की ओर तेजी से बढ़ रहे है. जल स्तर नीचे चले जाने के […]
पानी के लिए लोगों में होड़ मची रहती है. कई बार पानी को लेकर लोगों के बीच विवाद बढ़ गया है, जिसके बाद स्थिति मारपीट तक पहुंच गयी है. पानी के लिए लोग जब कतार में खड़े होते हैं, तो यह भय भी बना रहता है कि कहीं उन्हें पानी न मिले. क्योंकि अधिक पानी भरने के बाद कई चापाकल जवाब दे देते हैं. पानी के जुगाड़ में दिन के अलावा रात में भी लोग चापाकल के पास जमे रहते हैं. कई बार इस बात को लेकर भी लोगों में विवाद हो जाता है कि एक बाल्टी से अधिक पानी नहीं भरना है. लेकिन जब कोई दो बाल्टी से अधिक पानी लेना चाहता है, तो लोग उनसे उलझ जाते हैं. पानी की स्थिति से लोगों को निजात मिले, इसके लिए अब तक प्रशासन ने स्थायी निदान नहीं निकाला है. यही कारण है कि प्रत्येक साल गरमी में यह स्थिति होती है. हालांकि शहरी क्षेत्र में नगर निगम द्वारा टैंकर से जलापूर्ति की व्यवस्था की गयी है. लेकिन वह भी अपर्याप्त है. शहरी जलापूर्ति योजना का लाभ कुछ क्षेत्र के लोगों को ही मिल पाता है.
वाहन से पानी ढोने को विवश हैं लोग
नगर निगम क्षेत्र के आबादगंज, पहाड़ी मुहल्ला, हुसैननगर, सुदना, बैरिया, निमियां, बैंक कॉलोनी, हमीदगंज, शांतिपुरी, बजराहा, आजादनगर, पटेल नगर, कांदू मुहल्ला आदि इलाके में पेयजल संकट गंभीर बनी हुई है. इस क्षेत्र के लोग पानी की जुगाड़ में रात दिन लगे रहते हैं. जो लोग आर्थिक रूप से मजबूत हैं, वे पीने के लिए जार का पानी खरीदते हैं और अन्य कार्य के लिए टैंकर से पानी खरीदते हैं. लेकिन जो लोग आर्थिक रूप से कमजोर हैं, वे पानी के लिए दूर दराज क्षेत्र में भी जाने से परहेज नहीं करते.
आबादगंज, बैंक कॉलोनी, सुदना आदि जगह के लोग साइकिल, दो पहिया व चार पहिया वाहन से रात में पानी लाते हैं. वही निमियां के लोग ट्रैक्टर ट्रॉली में डब्बा रखकर सुदना से पानी ले जाते हैं. पहाड़ी मुहल्ला, हुसैननगर, कांदू मुहल्ला आदि क्षेत्र के लोग कोयल नदी से चुंआ खोद कर पानी निकालते है और उससे अपना काम चला रहे है. लोगों का कहना है कि अब पहले वाली बात नहीं रही.काफी गहरा चुंआ खोदने के बाद ही पानी निकल रहा है.
दो टैंकर पानी से
नहीं चल रहा काम
जल संकट झेल रहे लोगों को राहत मिले, इसके लिए नगर निगम प्रशासन ने पांच मई से सभी 35 वार्डों में टैंकर से जलापूर्ति शुरू कर दी है. लेकिन कई ऐसे प्रभावित वार्ड है, जहां दो टैंकर पानी से लोगों का काम नहीं चल पा रहा है. 15 मई को नगर निगम बोर्ड की पहली बैठक हुई थी. निगम के अधिकांश वार्ड पार्षदों ने पेयजल समस्या का मामला उठाया. पार्षदों का कहना था कि कई ऐसे वार्ड है, जहां के लोग पानी की जुगाड़ में रातदिन लगे रहते हैं. इन वार्डों में पेयजल संकट गंभीर बनी हुई है. दो टैंकर पानी पर्याप्त नहीं है. स्थिति को देखते हुए टैंकर बढ़ाने की जरूरत है. बैठक में तय किया गया था कि जल्द ही प्रभावित वार्डों में अधिकतम पांच टैंकर पानी की आपूर्ति की जायेगी. लेकिन अभी तक किसी भी वार्ड में दो टैंकर से अधिक पानी की आपूर्ति नही की जा रही है. वार्ड पार्षदों ने शीघ्र टैंकर की संख्या बढ़ा कर पर्याप्त जलापूर्ति करने की मांग की है.
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