स्वर्गीय नरेश प्रसाद नाहर के तीन पुस्तकों का हुआ लोकार्पण
प्रतिनिधि, मेदिनीनगर
रविवार को स्वर्गीय नरेश प्रसाद नाहर द्वारा रचित तीन पुस्तकों का लोकार्पण हुआ. पुस्तक का लोकार्पण झारखंड के प्रथम विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी ने किया. मौके पर नामधारी ने कहा कि साहित्यकार की रचना में उपेक्षित पात्रों को यथोचित महत्व मिलना चाहिए. इस दृष्टिकोण से यदि देखा जाये तो पाठकों की इस कसौटी पर स्वर्गीय नाहर की रचना खरा उतर रहा है.
उन्होंने कहा कि एक सफल व जागरूक कवि का यह काम है कि वह समाज में उपेक्षित पड़े पात्रों को उन्हें अपेक्षित सम्मान दिलाये. क्योंकि साहित्यकार का काम उपेक्षा, दमन, शोषण और सत्य को उदघाटित करना है. नामधारी ने कहा कि स्वर्गीय नाहर की पत्नी सहित उनके परिवार के सभी सदस्य बधाई के पात्र है. जिन्होंने स्वर्गीय नाहर की रचना को प्रकाशित कराकर पाठकों के लिए सार्वजनिक किया.
अन्य वक्ताओं ने कहा कि लेखक का यह धर्म भी है कि वह जो कुछ भी लिखे वह समाज की सच्चाई से रू-ब-रू करा रही हो. लेखन सच के लिए होना चाहिए न कि चटुकारिता के लिए. बताया गया कि स्वर्गीय नाहर गिरिवर इंटर विद्यालय के ख्याति प्राप्त शिक्षक रह चुके है. ‘बर्बरीक’, ‘सूर्यपुत्र’, व ‘संकल्प’ उनकी ये तीन नयी कृतियां हैं.
पुस्तक का लोकार्पण गिरिवर स्कूल के सभागार में हुई. इस मौके पर प्रोफेसर एनएन शरण, प्रोफेसर सुभाषचंद्र मिश्रा, साहित्यकार डॉ रमेश चंचल, डॉ विजय शुक्ल, पलामू जिला प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष सह भाजपा नेता अविनाश वर्मा, रजवाडीह मवि के प्रधानाध्यापक परशुराम तिवारी, अरविंद सिन्हा, राजेश राठौर सहित कई लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये. मंच संचालन राजेश पांडेय ने किया.
कुछ की गाथाएं विस्तारित, कुछ की गायी तुने क्यूं कम।
सच बोलो लेखनी तुझे कसम, अब आँख खोल सब तोड़ भरम।।