पाकुड़. महेशपुर प्रखंड में बालू का अवैध कारोबार दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है. बालू माफिया दिन के उजाले में बांसलोई नदी से जहां चाहें वहां से बालू का अवैध खनन कर खरीद-बिक्री करने में लगे हुए हैं. इस पर ना तो स्थानीय प्रशासन और ना ही किसी की नजर जा रही है. ऐसे में बालू माफिया बेलगाम होकर बालू के अवैध धंधे में लगे हुए हैं, जिसका खामियाजा नदी को उठाना पड़ रहा है. नदी खोखली होती जा रही है, लेकिन जब नदी का अस्तित्व खत्म हो जायेगा तो फिर लोगों को इसका सीधा असर देखने को मिलेगा. मालूम हो कि महेशपुर प्रखंड में जिला प्रशासन ने पांच बालू घाटों से ही बालू उठाव की अनुमति पंचायत को दिया है, जिसमें चालान काटकर बालू का उठाव किया जा सकता है. इन पांच बालू घाटों में शिवरामपुर, तेलियापोखर, महेशपुर, धर्मखांपाड़ा और रामपुर शामिल है. बावजूद बालू माफिया करीब दर्जनों बालू घाटों से धड़ल्ले से बालू का उठाव कर रहे हैं. इन पर रोक लगाता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है. रोलाग्राम, बासमती, धनजोड़ी, डुमरघाटी, बलियाडंगाल सहित अन्य घाटों से लगातार बालू का अवैध उठाव हो रहा है. इन घाटों से रोजाना दिन रात बालू का उठाव हो रहा है, लेकिन ना तो कोई इसपर लगाम लगा रहा है और ना ही कोई इस ओर ध्यान दे रहा है. इसके कारण बालू माफिया स्थानीय लोगों को पैसा खर्च कर आसानी से बालू उठाव कर बेचने में लगे हैं. इन बालू का उठाव कर बंगाल में बेचा जा रहा है, जिससे बालू माफियाओं को अधिक मुनाफा हो रहा है.
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