हिरणपुर. प्रखंड के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं सखी मंडल के जरिए आजीविका के विविध साधनों से जुड़कर लगातार अपनी आजीविका को मजबूत बना रहीं हैं. ग्रामीण परिवेश की महिलाओं को ऋण आदि वित्तीय सहायता प्राप्त करने में सहजता हुई है. इससे आसानी से आजीविका के विभिन्न अवसर तलाश कर अपना और अपने गांव का विकास कर रही हैं. पहले जहां इन ग्रामीण महिलाओं की दुनिया ही अपने घरों की चार दीवारों में सिमटी हुई थी, वहीं आज ये महिलाएं सखी मंडल से जुड़कर सफलता की नयी कहानियां गढ़ रही हैं. ऐसा ही एक महिला हिरणपुर प्रखंड अंतर्गत लखनपुर गांव की सुशाना मुर्मू हैं. अपने गांव में लखपति महिला किसान के रूप में जानी जाती है. केला सब्जियों की खेती एवं बकरी पालन कर सुशाना साल भर में एक लाख से डेढ़ लाख रुपये तक की आमदनी कर लेतीं हैं.
सखी मंडल से जुड़कर खुली आजीविका की नयी राहे
सुशाना वर्ष 2017 में रोशनी महिला मंडल के जरिए आजीविका मिशन से जुड़ीं. समूह से जुड़ने से पहले सुशाना की दुनिया अपने परिवार तक ही सीमित थी. मजदूरी के जरिए उनके घर का भरण-पोषण बहुत मुश्किल से हो पाता था. कभी-कभी तो पैसों के अभाव में खेती भी नियमित नहीं होती थी, लेकिन समूह से जुड़ने से पहले सुशाना को कम ब्याज पर आसान ऋण का आसरा मिला जिससे उन्होंने सबसे पहले बकरी पालन करनी शुरू की.
सुशाना ने पहली बार केला व सब्जी की खेती शुरू की
इस संबंध में महिला किसान सुशाना ने कहा कि पहली बार केला व सब्जी की खेती के लिए 15 हजार का ऋण समूह से लिया था, जिससे केला, टमाटर की खेती व बकरी पालन की शुरू की. फसल से तकरीबन 20 हजार रुपये की आमदनी हुई. साथ ही बकरी पालन से 30 हजार, फिर खेती के लिए समूह से नियमित ऋण लेने लगे. धान की भी खेती करनी शुरू की. पलाश जेएसएलपीएस की ओर से खेती के लिए कई नयी उपयोगी बातों का भी पता चला, जिससे उत्पादन में काफी सुधार आया. अब हर साल एक लाख से डेढ़ लाख रुपये की आमदनी तो हो ही जाती है.
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