पाकुड़ नगर. अक्षय तृतीया के अवसर पर बाल विवाह की आशंका को देखते हुए जन लोक कल्याण परिषद ने एक्सेस टू जस्टिस के तहत जिलेभर में जागरुकता अभियान चलाया. इस अभियान का उद्देश्य बाल विवाह मुक्त भारत के संकल्प को मजबूत करना और लोगों को इसके कानूनी व सामाजिक दुष्परिणामों से अवगत कराना था. संस्था ने जिला बाल संरक्षण इकाई के सहयोग से जिले के विभिन्न मंदिरों, स्कूलों, विवाह स्थलों और गांवों में बाल विवाह के विरुद्ध जागरुकता कार्यक्रम किया. विद्यालयों में बच्चों के साथ रैली, नुक्कड़ नाटक, वन-टू-वन संवाद, स्लोगन लेखन और शपथ का आयोजन किया. अभियान के माध्यम से बताया कि बाल विवाह एक कानूनी अपराध है और इससे बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है. संस्था ने लोगों को बताया कि विवाह के लिए लड़कियों की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और लड़कों के 21 वर्ष निर्धारित है. कार्यक्रम में संस्था के कुंदन कुमार, ऋषिदेव मंडल, कृष्णा यादव, शंभु पंडित मौजूद रहे.
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