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आयुष्मान भारत योजना का हाल : पाकुड़ में दो बेड के अस्पताल को कर दिया सूचीबद्ध

संजय आवासीय इलाके के घर में चल रहे अस्पताल को दे दी गयी संबद्धता रांची : पलामू के बाद अब पाकुड़ जिले में आयुष्मान भारत के तहत अस्पतालों की संबद्धता में गड़बड़ी का पता चला है. यहां आवासीय इलाके के एक घर (श्री हरि निवास) में चल रहे दो बेड के अस्पताल को प्रधानमंत्री जन […]

संजय
आवासीय इलाके के घर में चल रहे अस्पताल को दे दी गयी संबद्धता
रांची : पलामू के बाद अब पाकुड़ जिले में आयुष्मान भारत के तहत अस्पतालों की संबद्धता में गड़बड़ी का पता चला है. यहां आवासीय इलाके के एक घर (श्री हरि निवास) में चल रहे दो बेड के अस्पताल को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) के तहत संबद्धता दे दी गयी है.
इसके अॉपरेशन रूम में पर्याप्त जगह भी नहीं है. पाकुड़ नर्सिंग होम एंड मेटरनिटी सेंटर के नाम से सूचीबद्ध इस अस्पताल का नाम बाहर से पता चलना मुश्किल है. संबंधित इलाके में इस अस्पताल (घर) तक जाने के लिए सिर्फ सात फीट का रास्ता है. पाकुड़ का ही स्नेहा दृष्टि आई हॉस्पिटल तो एक दुकान में चल रहा है. इससे पहले प्रभात खबर ने पलामू में अस्पतालों की संबद्धता (इंपैनलमेंट) में गड़बड़ी की खबर छापी थी. जहां कई अस्पताल चार-छह कमरों में चल रहे थे.
आनन-फानन में सूचीबद्ध किये गये पलामू के ऐसे ही 20 अस्पतालों की सूची प्रकाशित करने के बाद उन्हें सूची से हटाया गया. ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि इन्हें सूचीबद्ध कैसे किया गया. इधर, पलामू के एक अौर अस्पताल वर्मा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (राजहारा नवा बाजार पंडवा) का पता चला है. दो-तीन कमरों के इस अस्पताल में रिसर्च भी हो रहा है.
इधर, 20 अप्रैल को इस अस्पताल के फोन नंबर (99738-99152) पर एक डिलिवरी के लिए संपर्क करने पर कहा गया कि अभी डॉक्टर नहीं है. कब आयेंगे? जवाब मिला : अभी कहना मुश्किल है. पर इस अस्पताल को सूचीबद्ध होने में कोई मुश्किल नहीं हुई. दरअसल विभिन्न जिलों में वैसे अस्पतालों को भी सूचीबद्ध किये जाने की सूचना है, जो सरकार की तय शर्तों को पूरा नहीं करते तथा जिनके पास मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है.
पर स्वास्थ्य बीमा राशि की कमाई के लिए कई बातें नजरअंदाज की जा रही हैं. अक्तूबर-2018 में इस योजना के शुरू होने के बाद चार माह की अवधि में ही राज्य भर के अस्पतालों ने 70.50 करोड़ की बीमा राशि का क्लेम किया है. इधर, इस संबंध में एक विभागीय अधिकारी ने ही कहा कि सूचीबद्ध अस्पतालों की जांच जरूरी है. इस बेहतर योजना का मजाक नहीं बनाया जाना चाहिए.
पलामू के एक अस्पताल में चिकित्सक ही नहीं, आयुष्मान भारत योजना की जांच जरूरी
क्या है अस्पतालों के सूचीबद्ध होने की प्रक्रिया
आयुष्मान भारत की सूची में शामिल होने के लिए अस्पताल प्रबंधकों को सभी कागजात सहित तय फॉरमेट में अॉनलाइन आवेदन देना होता है.
इसके बाद सिविल सर्जन, डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम मैनेजर तथा डिस्ट्रिक्ट को-अॉर्डिनेटर की टीम सरकार द्वारा तय मापदंड के आधार पर संबंधित अस्पताल की जांच के आधार पर उसे सूचीबद्ध करने की अनुशंसा करती है. इस अनुशंसा के आधार पर अारसीएच परिसर नामकुम, रांची स्थित झारखंड राज्य आरोग्य समिति सभी कागजात व सत्यता की जांच कर उसे इंपैनल्ड करती है. इधर, समिति के कुछ लोगों पर भी अनियमितता में शामिल रहने का आरोप लग रहा है.
सूचीबद्ध होने की सामान्य शर्तें
अस्पताल में कम से कम 10 बेड (सिंगल स्पेशियलिटी जैसे अाइ या इएंडटी मामले में थोड़ी रियायत संभव), प्रति बेड 80 वर्ग फीट जगह, 24 घंटे डॉक्टर व सपोर्टिंग स्टाफ, लैब या पैथोलॉजी, पूरी साफ-सफाई व हाइजिन, सर्जिकल केस के लिए पूरी तरह सुसज्जित अोटी, अपना या अॉन कॉल सर्जन व एनेथेसिस्ट, अपना या टाई-अप एंबुलेंस तथा निर्बाध बिजली, पानी व अन्य मूलभूत सुविधाएं होनी चाहिए.
कुल 380 अस्पताल सूचीबद्ध
आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना का संचालन कर रही नोडल एजेंसी झारखंड राज्य आरोग्य समिति से मिली जानकारी के मुताबिक फरवरी 2019 तक राज्य भर के 598 अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है. इनमें 218 सरकारी तथा शेष 380 निजी अस्पताल हैं. सबसे अधिक निजी अस्पताल रांची में (82) सूचीबद्ध हैं. वहीं सबसे कम संबद्ध अस्पताल साहेबगंज में (सिर्फ दो) हैं.

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