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गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का दावा खोखला

पाकुड़ : सरकारी विद्यालयों में करोड़ों रुपये खर्च किये जाने के बाद शिक्षा व्यवस्था बदहाल है. सरकार की ओर से स्कूलों में बेंच-डेस्क आदि का व्यवस्था कर दी गयी है. पर विद्यालयों में विषयवार शिक्षकों की कमी है. ऐसे में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का विभागीय दावा खोखला साबित हो रहा है. जिला शिक्षा कार्यालय से […]

पाकुड़ : सरकारी विद्यालयों में करोड़ों रुपये खर्च किये जाने के बाद शिक्षा व्यवस्था बदहाल है. सरकार की ओर से स्कूलों में बेंच-डेस्क आदि का व्यवस्था कर दी गयी है. पर विद्यालयों में विषयवार शिक्षकों की कमी है. ऐसे में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का विभागीय दावा खोखला साबित हो रहा है. जिला शिक्षा कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जिले

में कुल 661 सरकारी विद्यालय में 107498 बच्चें नामांकित हैं. इसमें प्राथमिक विद्यालय 580 व मध्य विद्यालय 81 हैं. जिले में कुल 1901 पद शिक्षकों के लिए स्वीकृत है. इसके विरूद्ध कुल 1059 शिक्षक ही कार्यरत हैं. इसके अलावा उपरोक्त विद्यालय में कुल 1223 पारा शिक्षक कार्यरत हैं. विद्यालयों में विषयवार शिक्षकों की कमी है. विद्यालयों में शिक्षक की कमी के कारण नामांकित बच्चों को सिलेबस पूरा करने के लिए प्राइवेट ट्यूशन का सहारा लेना पड़ता है. इस कारण गरीब तबके के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

प्रखंडवार में शिक्षकों की स्थिति
प्रखंड स्वीकृति कार्यरत रिक्त पद
पाकुड़ 388 277 161
अमड़ापाड़ा 222 128 94
हिरणपुर 276 142 134
लिट्टीपाड़ा 264 167 97
पाकुड़िया 269 155 114
महेशपुर 482 240 242
81 प्रधानाध्यापकों का पद है खाली
जानकारी के अनुसार पाकुड़ जिला अलग होने के बाद भी शिक्षकों को प्रोन्नति नहीं मिली है. इस कारण विद्यालयों में कुल 81 प्रधानाध्यापकों का पद भी रिक्त पड़ा है. कई शिक्षक अपने प्रोन्नति की आस में सेवानिवृत्त हो गये हैं. जिले सरकारी शिक्षकों को प्रोन्नति नहीं मिलने के कारण जिले के कुल 74 निकासी व व्ययन विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद रिक्त रहने के कारण विभाग की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए शिक्षकों के वेतन भुगतान को लेकर संबंधित प्रखंड के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को प्राधिकृत किया गया है.
कहते है शिक्षाविद
पाकुड़ जिला अलग होने के बाद से सरकारी शिक्षकों को प्रोन्नति नहीं मिली है. सरकारी शिक्षकों को प्रोन्नति दिलाने के मांग को लेकर कई बार धरना-प्रदर्शन किया गया. इसके बावजूद भी विभाग की ओर से शिक्षकों को प्रोन्नति नहीं मिली है. प्रोन्नति की आस पर अब तक कई शिक्षक सेवानिवृत्त भी हो गये हैं.
मिथिलेश कुमार, सचिव,
प्राथमिक शिक्षक संघ
शिक्षकों की कमी के बावजूद भी जिले के सरकारी विद्यालयों में बेहतर शिक्षा दी जा रही है. विद्यालयों में नामांकित बच्चों को बेहतर शिक्षा देने ने के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है. विद्यालय में किसी प्रकार की गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर मामले की जांच कर तुरंत कार्रवाई की जाती है.
राजाराम साह, डीएसइ

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