कैरो. गर्मी के दिनों में पानी की सबसे ज्यादा किल्लत होती है.प्रखण्ड मुख्यालय मुख्य चौक में जोड़ा तालाब है और क्षेत्र को जोड़ा तालाब से एक अलग पहचान भी मिली थी. ंपहले यह कैरो की शान हुआ करता था. यह तालाब किसी परिचय का मोहताज नहीं है,जिस तालाब के नाम से कैरो की पहचान हुआ करता था, आज वही तालाब अपने अस्तित्व खो रही है. क्योंकि इन दिनों तालाब कचरा घर बना गया. आस-पास के घर, दुकान,होटल आदि संचालित संस्थानों से निकलने वाली सारा कचरा को तालाब में ही फेंक दिया जाता है.ऐसे में कह सकते है कि स्वच्छ भारत मिशन को भी लोग पलीता लगा रहे है.कूड़ा निस्तारण का स्थायी व्यवस्था तालाब को बना दिया है.इस वजह से तालाब में चारों ओर गंदगी फैली हुई है.लोग बताते हैं कि 1980 -1990 के दशक तक इस तालाब का पानी को ग्रामीण दैनिक कार्य में इस्तेमाल किया करते थे. लेकिन अब इस तालाबों में बढ़ते गंदगी के कारण यहां का पानी अब दूषित हो गया है. गंदगी का आलम यह है की पानी से बदबू आती है. अब इस तालाब में नहाने से भी खुजली हो रही है. हालांकि मुद्दे को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि का कोई ध्यान नही है.
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