फोटो . आरओ सिस्टम हीटर
कुड़ू लोहरदगा . गर्मी का आगाज होते ही पेयजल की गंभीर समस्या उत्पन्न होने लगी है. पीने का पानी जुगाड़ करने में आमजनों को पसीना छूट रहा है, दूसरी तरफ संबंधित पंचायत के मुखिया 15 वें वित्त आयोग से मिली राशि से आरओ सिस्टम व हीटर खरीदने में व्यस्त हैं. सवाल उठता है कि जब सोलर आधारित जलमीनार ही खराब है तो आमजनों को शुद्ध पेयजल कहां से मिलेगा. इतना ही नहीं, खराब पड़ी सोलर आधारित जलमीनार को ठीक कराने तथा आमजनों को शुद्ध पेयजल देने में मुखिया से लेकर पंचायत सचिव किसी प्रकार की रूचि नहीं दिखा रहे हैं. बताया जाता है कि प्रखंड के 14 पंचायतों में 14 वें तथा 15 वित आयोग से 65 सोलर आधारित जलमीनार लगायी गयी थी. एक जलमीनार में दो लाख 49 हजार रुपया खर्च किया गया था. सोलर आधारित जलमीनार को पांच साल तक मेंटनेंस कार्य करने के लिए राशि निर्धारित किया गया था बावजूद इसके मेंटनेंस की राशि निकासी कर ली गई लेकिन जलमीनार को दुरुस्त नहीं रखा गया. सोलर आधारित जलमीनार में कहीं मशीन जलने के कारण तो कहीं पाइपलाइन खराबी के कारण जलमीनार शो पीस बना हुआ है तथा आमजनों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है. 15 वें वित्त आयोग के तहत टाइड तथा अनटाइड मद में मिली राशि से खराब पड़े सोलर आधारित जलमीनार को दुरुस्त कराया जा सकता था लेकिन मुखिया तथा पंचायत सचिव की मिलीभगत से 15 वें वित्त आयोग की राशि का लगभग 75 प्रतिशत राशि आरओ सिस्टम खरीदने में खर्च किया जा रहा है. सबसे हैरानी की बात है कि सरकार के गाइडलाइन का सरेआम उल्लंघन करते हुए आरओ सिस्टम लगाया जा रहा है.संबंधित पंचायत के मुखिया तथा पंचायत सचिव वेंडर को आरओ सिस्टम लगाने के लिए कार्यादेश दे रहे है. प्रखंड के 6 पंचायत में आरओ सिस्टम व हीटर लगाने के बाद एक लाख 49 हजार रुपये के हिसाब से वेंडर को भुगतान किया जा रहा है तो 8 पंचायतों में पाइप की दुरी के हिसाब से एक लाख 24 हजार से लेकर एक लाख 36 हजार रुपए का भुगतान किया जा रहा है.मामले में प्रभारी बीडीओ सह सीओ मधुश्री मिश्रा ने बताया कि मामले की जानकारी मिली है. आखिर किसके आदेश पर टाइड तथा अनटाइड मद के लिए आवंटित राशि का 75 प्रतिशत राशि आरओ सिस्टम लगाने में खर्च किया जा रहा है .
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