लोहरदगा. ग्रेटर त्रिवेणी पब्लिक स्कूल लोहरदगा में रवींद्र नाथ टैगोर की जयंती धूमधाम के साथ मनायी गयी. सर्वप्रथम प्राचार्य एसके झा एवं सभी शिक्षकों के द्वारा रवींद्र नाथ टैगोर की चित्र पर पुष्पार्चन किया गया. तत्पश्चात छात्रों के द्वारा उनके द्वारा लिखे गए गीत एवं कविता पाठ प्रस्तुत किया गया एवं उनके जीवन पर प्रकाश डाला गया. इस अवसर पर प्राचार्य एस के झा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि रवींद्र नाथ टैगोर बहुत बड़े बांग्ला कवि, नाटककार एवं गीतकार थे. उन्होंने महात्मा गांधी द्वारा दी गई गुरुदेव की उपाधि को सार्थक बना दिया. संत-स्वभाव के कवि रवींद्र नाथ टैगोर निरंकुश शिक्षा के समर्थक थे. उनका मानना था कि छात्रों के ऊपर शिक्षा की अवधि में किसी तरह का अंकुश नहीं होना चाहिए. उन्हें स्वच्छंद वातावरण में स्वतंत्र होकर शिक्षा ग्रहण करने का अवसर प्रदान करना चाहिए. एसके झा ने कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखी गई गीतांजलि पर उन्हें 1913 में नोबेल पुरस्कार मिला और यह पुरस्कार एशिया महादेश में सबसे पहले दिया जाने वाला भारतीय कवि को प्राप्त हुआ जो हमारे भारत देश के लिए गर्व की बात है. उन्होंने कहा कि उन्हीं के द्वारा जन गण मन लिखा गया, जिसे भारतीय संविधान निर्माताओं ने राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार कर अमर बना दिया. हम सब को उनके जीवन- मूल्यों और आदर्शों को आत्मसात कर अपने जीवन को सार्थक एवं सफल बनाने का सदैव पर्यत्न करना चाहिए. यही उनके प्रति हमारी ओर से सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
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