लोहरदगा़ लोहरदगा रेलवे स्टेशन की तस्वीर अब पूरी तरह बदल गयी है और इसे भारत के खूबसूरत रेलवे स्टेशनों में शामिल किया जा रहा है. स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन योजना में शामिल किया गया है, जिसके तहत इसका पूर्ण कायाकल्प किया जा रहा है. इस योजना के अंतर्गत नयी स्टेशन बिल्डिंग, आधुनिक वास्तुकला, आरामदायक प्रतीक्षालय, हाई-लेवल प्लेटफॉर्म और शेड का निर्माण किया गया है. यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कंप्यूटरीकृत टिकट बुकिंग काउंटर, फुटओवर ब्रिज, बुजुर्गों और दिव्यांगजनों के लिए रैंप व लिफ्ट की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है. पूरे परिसर और प्लेटफॉर्म पर एलइडी लाइट, स्वच्छ पेयजल, डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड और मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट लगाये गये हैं. रात के समय एलइडी लाइट के जलने से स्टेशन का दृश्य अत्यंत आकर्षक दिखायी देता है, जिससे लोग इसे देखने के लिए यहां आ रहे हैं. लोहरदगा रेलवे स्टेशन से राजधानी एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनें गुज़रती हैं, जो गुमला, सिमडेगा, जशपुर और अन्य स्थानों से यात्रियों को जोड़ती हैं. इससे लोहरदगा की अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. इतिहास का संक्षिप्त विवरण : रांची-लोहरदगा रेल लाइन का इतिहास 1911 से शुरू हुआ, जब इसे नैरो गेज के रूप में विकसित किया गया. पहली ट्रेन छह अक्तूबर 1913 को चली थी और यह भाप इंजन वाली थी. 2005 में रांची-लोहरदगा की 68 किलोमीटर लंबी नैरो गेज लाइन को ब्रॉड गेज में बदल दिया गया. मार्च 2017 में लोहरदगा से टोरी तक नयी रेल लाइन का उद्घाटन हुआ, जिससे रांची और दिल्ली के बीच यात्रा का समय कम हो गया. रेलवे अधिकारियों ने बताया कि भविष्य में इस मार्ग पर अन्य ट्रेनों का परिचालन होगा और रांची-लोहरदगा मेमू ट्रेन में बोगियों की संख्या भी बढ़ायी जायेगी. इस विकास से स्टेशन यात्रियों के लिए और भी सुविधाजनक और आकर्षक बन गया है.
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