लोहरदगा़ कृषि विभाग द्वारा जिला स्तरीय खरीफ कार्यशाला का आयोजन नगर भवन, सदर प्रखंड लोहरदगा में किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ उपायुक्त डॉ ताराचंद ने दीप प्रज्वलित कर किया. उन्होंने किसानों से कहा कि खरीफ मौसम में सही जानकारी और तकनीक अपनाकर उत्पादन और मुनाफा दोनों बढ़ाये जा सकते हैं. उपायुक्त ने बताया कि जो किसान अब तक बुआई नहीं कर पाये हैं, उनके लिए मड़ुआ एक बेहतर विकल्प हो सकता है क्योंकि यह पोषक होने के साथ-साथ लाभकारी भी है. लोहरदगा जिला रांची के पास होने से निर्यात की संभावनाएं भी अधिक हैं. उन्होंने किसानों को फसल संग्रहण के लिए कोल्ड स्टोरेज के उपयोग, बाजार की जानकारी और मिट्टी जांच पर जोर दिया. तकनीकी सत्र में जिला पशुपालन पदाधिकारी ने विभागीय योजनाओं की जानकारी दी. जिला उद्यान पदाधिकारी ने बागवानी फसलों और पौधा वितरण पर चर्चा की. भूमि संरक्षण पदाधिकारी ने भूमि संरक्षण की योजनाएं बतायी. गव्य विकास पदाधिकारी ने दुग्ध उत्पादन से जुड़ी योजनाएं साझा कीं. मत्स्य पदाधिकारी ने मछली पालन को लेकर जानकारी दी. वहीं, केवीके वैज्ञानिकों ने कम पानी में धान की खेती और उर्वरता बढ़ाने को लेकर मिट्टी जांच की आवश्यकता पर जोर दिया. जिला कृषि पदाधिकारी ने अपलैंड क्षेत्रों में अरहर व उरद की खेती की सलाह दी.
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