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मार्च तक खुले में शौच से मुक्त होगा लोहरदगा

लोहरदगा : लोहरदगा जिला को मार्च तक खुले में शौच मुक्त जिला बना दिया जायेगा. जिले में 66 हजार शौचालय निर्माण का लक्ष्य है, जिसमें अब तक 12 हजार शौचालयों का निर्माण हो चुका है. शेष शौचालयों के निर्माण का काम तेजी से किया जा रहा है. उक्त बातें उपायुक्त डॉ भुवनेश प्रताप सिंह ने […]

लोहरदगा : लोहरदगा जिला को मार्च तक खुले में शौच मुक्त जिला बना दिया जायेगा. जिले में 66 हजार शौचालय निर्माण का लक्ष्य है, जिसमें अब तक 12 हजार शौचालयों का निर्माण हो चुका है. शेष शौचालयों के निर्माण का काम तेजी से किया जा रहा है. उक्त बातें उपायुक्त डॉ भुवनेश प्रताप सिंह ने पत्रकार सम्मेलन में कही. उन्होंने कहा कि कुपोषण, एनीमिया, फाइलेरिया, डायरिया, हैजा एवं पोलियों का मुख्य कारण अस्वच्छता है. खुले में शौच की प्रक्रिया इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
लगभग 50 प्रतिशत बच्चे कुपोषण की किसी न किसी श्रेणी में आते हैं. हमारे 70 प्रतिशत किशोर -किशोरियां एवं माताओं में खून की कमी है, जो हमारे मानसिक शारीरिक एवं सामाजिक विकास को बाधित करती है. स्वच्छता को अपना कर हम इन बीमारियों को मात दे सकते हैं.
उन्होंने कहा कि लोहरदगा जिला में 10 अगस्त से 18 अगस्त तक हर पंचायत में रात्रि चौपालका आयोजन किया जा रहा है. 10 दिनों तक शौचालय निर्माण को लेकर विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा.
इन 10 दिनों में ज्यादा से ज्यादा संख्या में शौचालयों का निर्माण होगा और लोगों को उसके उपयोग के लिए प्रेरित किया जायेगा. उपायुक्त ने कहा कि लोहरदगा जिला में ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति द्वारा शौचालयों का निर्माण कराया जा रहा है. स्वयं सहायता समूहों द्वारा भी शौचालय का निर्माण कार्य कराया जा रहा है. व्यक्तिगत शौचालय निर्माण के प्रति भी लोगों में रुचि बढ़ी है. लोग व्यक्तिगत रूप से शौचालयों का निर्माण करा रहे हैं. जो लोग व्यक्तिगत रूप से शौचालय का निर्माण करा रहे हैं, उनके खाते में प्रोत्साहन राशि 12 हजार रूपये भेज दी जा रही है. शौचालय निर्माण में गुणवत्ता का पूरा ख्याल रख जा रहा है.
कोरांबे में 15 लोगों ने शाैचालय बनाया है : उपायुक्त ने बताया कि लोहरदगा जिला के सेन्हा प्रखंड के कोरांबे में लोगों ने बगैर किसी सहायता के खुद शौचालय का निर्माण कराया है. कोरांबे गांव मे अब तक 15 लोगों ने खुद शौचालय बनाया है.
कोरांबे गांव में शौचालय को लेकर लोगों में काफी उत्साह है. उपायुक्त ने कहा कि जो लोग खुद शौचालय का निर्माण करा रहे हैं. उनके बच्चों के नाम पर बारह हजार रुपये की राशि का किसान विकास पत्र 20 वर्ष के लिए दिया जा रहा है. यह 20 वर्ष के बाद एक लाख रुपये हो जायेगा.
सभी का सहयोग जरूरी
उपायुक्त ने पत्रकारों को बताया कि जब तक समाज के हर वर्ग के लोगो का सहयोग नहीं मिलेगा लोहरदगा जिला खुले में शौच से मुक्त नहीं हो सकता है. इसमें मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण है. उपायुक्त ने मीडियाकर्मियों से भी अनुरोध किया कि वे लोग इस दिशा में भी प्रयास करें.
स्वच्छता दूत भी बनाया गया
उपायुक्त ने शौचालय निर्माण में सहयोग के लिए स्वच्छता दूत भी बनाया और उन्हें शपथ दिला कर हरी झंडी दिखा कर रवाना किया. उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन शौचालय निर्माण की प्रक्रिया को मंजिल तक पहुंचाने के लिए निरंतर प्रयत्नशील है.
कराया गया है कॉल सेंटर का निर्माण
शौचालय निर्माण, उसके उपयोग एवं अन्य जानकारी के लिए एक कॉल सेंटर का निर्माण कराया गया है. जिले में स्वच्छता के लिए छोटा सैनिक हैं, जिसमें बच्चे शामिल हैं. गुलाबी गैंग जिसमें महिलाओं का समूह है. नवरत्न जिसमें समाज के हर वर्ग के लोग शामिल हैं का गठन किया गया है.
साक्षरता समिति के लोगों को शौचालय निर्माण के काम से जोड़ा गया है. सबसे सुंदर शौचालय बनाने वाले लोगों को प्रेरित करने की भी योजना है. शौचालय निर्माण एवं उपयोग के संबंध में पेयजल स्वच्छता प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता रेयाज आलम ने विस्तार से बताया. मौके पर अपर समाहर्ता रंजित कुमार सिन्हा, डीटीओ राजीव कुमार, युनिसेफ के अरविंद कुमार, साक्षरता समिति के राजेंद्र उरांव सहित अन्य लोग मौजूद थे.

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