लोहरदगा : लोहरदगा विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी सुखदेव भगत ने बुधवार को पर्चा दाखिल किया. भाजपा आजसू के बीच गठबंधन में सीटों के बंटवारे की जद्दोजहद के बीच सुखदेव ने आखिरी दिन पर्चा दाखिल किया. पार्टी हाई कमान ने उन्हें कल देर रात टिकट दिया.
इसके बाद आनन-फानन में नामांकन दाखिल करने की तैयारी की गयी. सुखदेव भगत के पर्चा दाखिल करने के साथ इस सीट पर कड़े मुकाबले की स्थिति बन गयी है. सुखदेव भगत ने पर्चा दाखिल करने में लंबा वक्त लिया. श्री भगत ने मीडिया से कहा कि लोहरदगा की जनता के साथ उनका गठबंधन पुराना व मजबूत है.
समस्याएं और मुद्दे समाप्त नहीं हो सकते, निरंतर समाधान होते रहता है. विधायक के रूप में अपने कार्यकाल में उन्होंने उल्लेखनीय कार्यों के बारे में बताया. सुखदेव भगत ने कहा कि जनता को सचमुच में नेताओं के चरित्र को पहचानने की जरूरत है. जो नेता मौसमी होते है और सिर्फ चुनाव के समय नजर आते है, जनता उन्हें पहचाने.
इसके पूर्व इस सीट से आजसू की नीरू शांति भगत व कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव पर्चा दाखिल कर चुके हैं. आज ही असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम के प्रत्याशी के रूप में अर्जुन टोप्पो व जनता दल यूनाइटेड के दीपक उरांव ने पर्चा दाखिल कर राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है. सीट से बसपा के अलावा निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल किया है.
लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र में अब मुकाबला रोचक हो गया है. कभी रामेश्वर उरांव को गुरु मान कर लोकसभा चुनाव में अपनी नौकरी दांव पर लगाने वाले सुखदेव भगत आज उनके खिलाफ चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं. यह अलग बात है कि सांसद बनने के बाद डॉ रामेश्वर उरांव ने सुखदेव भगत को भी राजनीति में लाये और वे विधायक बने. बाद में गुरु व चेला के संबंध में कड़वाहट आने लगी और आज दोनों एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में है.
भाजपा-आजसू गठबंधन भी यहां तार-तार हुआ. लोहरदगा में भाजपा ने सुखदेव भगत को अपना प्रत्याशी घोषित किया, तो आजसू ने पूर्व विधायक कमल किशोर भगत की पत्नी नीरू शांति भगत को चुनाव मैदान में उतारा है. बिहार में जदयू का गठबंधन भाजपा के साथ है, लेकिन यहां जदयू भाजपा के खिलाफ ही ताल ठोक रहा है. स्थिति बदलती जा रही है. मुकाबला रोचक होता जा रहा है. लोहरदगा विधानसभा पर सबकी निगाहें टिकी है.