चंदवा. टोरी रेलवे जंक्शन के पूर्वी रेलवे केबिन स्थित समपार फाटक के समीप शनिवार को तड़के एक युवक अचेतावस्था में पड़ा मिला. इसे देख रेलकर्मियों ने इसकी सूचना चंदवा थाना को दी. बाद में उसे 108 एंबुलेंस की मदद से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. यहां डयूटी पर तैनात डॉ तरुण जोश लकड़ा ने उसका प्राथमिक उपचार किया और बेहतर इलाज के लिए रिम्स रेफर कर दिया. समाचार लिखे जाने तक उसकी शिनाख्त नहीं हो पायी थी. कोई बता रहा था कि वह नशाखुरानी गिरोह का शिकार हुआ है, तो कोई बता रहा था कि ठंड से वह अचेत हुआ है. अचेत युवक को रिम्स रेफर करने के बाद अचेत युवक के साथ कोई अटेंडेंट नहीं होने के कारण 108 एंबुलेंसवाले उसे लेकर वहां से रिम्स के लिए रवाना नहीं हुए. काफी देर तक अटेंडेंट को लेकर 108 एंबुलेंस प्रबंधन, रेल प्रशासन व स्थानीय पुलिस के बीच फेंका-फेंकी होती रही. रेलवे का कहना था कि हमने मदद के तौर पर पीड़ित को अस्पताल भेजा. वहीं एंबुलेंस वालों का कहना था कि रिम्स में बगैर अटेंडेंट मरीज भर्ती नहीं लिया जाता. अंतत: चंदवा पुलिस ने दो सहायक पुलिस को बतौर अटेंडेंट मरीज के साथ रिम्स भेजा, इस पूरी प्रक्रिया में तीन घंटे से अधिक समय निकल गये. आखिरकार रिम्स जाने के क्रम में उसकी मौत हो गयी.
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