महुआडांड. पलामू और गढ़वा जिले में विचरण करनेवाले 1000 नीलगाय को वन विभाग ने महुआडांड़ के जंगल छोड़ने का निर्णय लिया है. वन विभाग की मानें, तो पलामू और गढ़वा जिला में नीलगाय की ओर से फसलों की बर्बादी की जा रही है. इस कारण दोनों जिला के किसान खेती नहीं कर पा रहे हैं. वन विभाग ने नीलगाय को महुआडांड़ के जंगल में छोड़ने का निर्णय लिया है. इस निर्णय का केंद्रीय जन संघर्ष समिति, लातेहार-गुमला ने विरोध जताया है. समिति के सचिव जेरोम जेराल्ड कुजूर ने प्रेस बयान जारी कर कहा है कि महुआडांड़ में भी किसान रबी, खरीफ व गरमा की खेती करते हैं. नीलगाय के आ जाने से उनकी फसलों का नुकसान होगा. केंद्रीय जन संघर्ष समिति व कई अन्य सामाजिक संगठनों की ओर से इसका विरोध किया गया है. समिति ने उपायुक्त समेत महुआडांड़ एसडीओ व प्रखंड विकास पदाधिकारी से वन विभाग से इस निर्णय को वापस लेने की अपील की है. श्री कुजूर ने कहा कि लातेहार जिला प्रशासन ने समय रहते इस पर उचित निर्णय नहीं लिया, तो जन संघर्ष समिति की ओर से वृहद आंदोलन किया जायेगा. इसकी सारी जिम्मेवारी जिला प्रशासन पर होगी.
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