बेतला : पलामू टाइगर रिजर्व के बेतला नेशनल पार्क में बाघिन की मौत के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बाघिन करीब एक सप्ताह से अधिक समय तक कोई भी शिकार नहीं कर सकी थी. उसका पेट बिल्कुल खाली था. उसने भूख से व्याकुल होकर बायसन के झुंड में शामिल किसी बायसन के बच्चे को पकड़ने का प्रयास किया और पलटवार में बायसन ने उस पर हमला कर दिया. जिसमें उसकी मौत हो गयी.
दांत और नाखून भी हो गये थे गायब : पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, बाघिन की लंबाई 8.5 फीट थी, जबकि उसके चारों पंजे में नाखून नहीं के बराबर थे. बाघिन के चारों दांत, जिससे वह शिकार को मजबूती से पकड़ने में काम लेती है, नहीं थे. उसकी पीठ पर, जो घाव के निशान मिले हैं, उसकी परिधि करीब तीन इंच थी. इतना ही नहीं, उसके शरीर के अंग काम नहीं कर रहे थे. रिपोर्ट के मुताबिक, बाघिन के मुंह में साहिल का कांटा भी था.
विशेषज्ञों के अनुसार, जब बाघ या बाघिन अपनी उम्र के अंतिम पड़ाव में होते हैं, तो वह छोटे जानवरों को ही अपना शिकार बनाती है. बेतला नेशनल पार्क में साहिल बहुतायत में पाये जाते हैं. इसलिए वह साहिल को खाकर अपना गुजर बसर कर रही थी. पोस्टमार्टम टीम में डॉ अजय कुमार, डॉक्टर चंदन डे सहित अन्य शामिल थे. हालांकि बाघिन के महत्वपूर्ण अंगों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जा रहा है.
मरकर पीटीआर में बाघ होने का सबूत दे गयी बाघिन : पिछले वर्ष 29 जुलाई को इंटरनेशनल टाइगर डे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब बाघों के आंकड़े को प्रस्तुत किया था.