चंदवा (लातेहार) : चार पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल रवींद्र गंझू दस्ते के सात नक्सलियों को चंदवा से रविवार की शाम गिरफ्तार किया गया. उनके पास से पांच लाख रुपये और हथियार बरामद किये गये. सभी एक ठेकेदार से लेवी वसूलने आये थे. उक्त बातें पलामू के डीआइजी एवी होमकर ने प्रेस कांफ्रेंस में कही. उन्होंने कहा कि 22 नवंबर 2019 की रात लातेहार जिले के चंदवा थाना क्षेत्र अंतर्गत लुकुईया मोड़ पर पीसीआर वैन पर हुए हमले में उक्त सभी शामिल थे.
इस हमले में एक एएसआइ समेत होमगार्ड के तीन जवान शहीद हो गये थे. डीआइजी एवी होमकर ने बताया कि पांच जनवरी को पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि भाकपा माओवादी संगठन के सब जोनल कमांडर रवींद्र गंझू के तीन सहयोगी एक बाइक (जेएच-01-सीडब्ल्यू-7773) से चंदवा के एक ठेकेदार से लेवी की रकम वसूलने आये हैं. सूचना पर इंस्पेक्टर सह थानेदार मदन मोहन शर्मा के नेतृत्व में छापेमारी दल का गठन किया गया.
जब पुलिस टीम बुध बाजार स्थित शिव मंदिर के समीप पहुंची, तो मोटरसाइकिल पर सवार तीन व्यक्ति तेजी से भागने लगे. पुलिस ने जब रुकने का इशारा किया तो वे नहीं . पुलिस ने ओवरटेक कर उन्हें रोका. तब वे लोग बाइक छोड़कर भागने लगे. इसके बाद जवानों व पुलिस पदाधिकारियों ने तीनों को दौड़ाकर पकड़ा. पूछताछ में उनलोगों ने खुद को भाकपा माओवादी कमांडर रवींद्र गंझू का सहयोगी बताया है. उन्हीं की निशानदेही पर अन्य चार नक्सलियों को भी पकड़ा गया. मौके पर एसपी प्रशांत आनंद समेत अन्य पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे.
गिरफ्तार नक्सलियों ने बताया घटना में कौन-कौन थे शामिल :
गिरफ्तार नक्सलियों ने पुलिस काे बताया कि पीसीआर वैन पर हमले को अंजाम देने में सब जोनल कमांडर रवींद्र गंझू के अलावा छोटू खेरवार, मनीष, बलराम, विमल, मृत्युंजय, नवीन, अमन, चंदन, नीरज, प्रदीप, भुनेश्वर, सुदर्शन, नंदकिशोर, मनोहर, संदीप, राजू, विशेष कोरवा, नागेंद्र, नेशनल जी, रोजी, सोनू, कोड़वा, सुखदेव, रिजिया, सौरव, चंद्रभान, दिनेश नागेशिया, कमलेश आदि सम्मिलित थे. दस्ता के तीन लोग लुकुईया मोड़ पर पुलिस गाड़ियों पर नजर रख रहे थे. जबकि रवींद्र गंझू खुद पांच हथियारबंद दस्ता सदस्यों के साथ घटना को अंजाम देने के लिए मोड़ के पास घात लगाकर बैठे थे.
रात करीब 8:00 बजे पुलिस की पीसीआर वैन मोड़ के पास रूकी और एक जवान खेत की ओर गया. तभी दस्ते ने हमला कर सभी को मार गिराया. इसके बाद उनका हथियार लूट लिया गया. इसके बाद हम लोग बोदा मंडप के पास जमा हुए. यहां रवींद्र जी ने हम सभी को पांच-पांच हजार रुपये दिये. इसके बाद हथियारबंद दस्ता बियर जंघा जंगल की ओर चला गया.