हेरहंज : प्रखंड का उद गांव अब भी विकास से कोसों दूर है. गांव में पेयजल, सड़क समेत बुनियादी सुविधा की कमी है. विद्यालय में लगे चापानल ही ग्रामीणों का सहारा हैं. गांव में लगे अन्य चापानल बेकार पड़े हैं. गांव के अधिकतर लोग खेती पर निर्भर हैं. सिंचाई की सुविधा नहीं होने से खेती कार्य भी लोग नहीं कर पाते.
पलायन लोगों की मजबूरी बन गयी है. गांव तक जाने के लिए पहुंच पथ नहीं है. कच्ची सड़क व पगडंडी के सहारे लोग आनाजाना करते हैं. बारिश के समय पूरा गांव टापू बन जाता है. गांव में बिजली की समस्या से कुछ दिन पूर्व ही निजात मिली है. ग्रामीण मथुरा यादव, सुशीला देवी समेत अन्य लोगों ने बताया कि तत्कालीन उपायुक्त मुकेश कुमार ने वर्ष 2015 में उद गांव पहुंचकर शौचालय का उदघाटन किया था.
उपायुक्त ने ग्रामीणों की समस्या देख पेयजल, सड़क व पुल की समस्या दूर करने को लेकर इंजीनियरों को डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया था, परंतु श्री कुमार का तबादला होते ही सारा काम स्थगित रह गया. शौचालय निर्माण के लिए शिलान्यास तो हुआ पर आज तक कोई काम नहीं हुआ. ग्रामीणों ने उपायुक्त से गांव में बुनियादी सुविधा बहाल कराने की मांग की है.