जयनगर. जिले भर में गुरुवार की सुबह से हुई हल्की बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. बारिश का सीधा प्रभाव रबी फसलों पर पड़ना तय माना जा रहा है़ मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है़ कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो ऐसे में किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है. इस बदलते मौसम को ध्यान में रखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र कोडरमा के विशेषज्ञों ने किसानों को विशेष सलाह दी है, ताकि वे अपनी फसलों को नुकसान से बचा सकें. इनकी मानें तो बारिश और तेज हवाओं के कारण कोडरमा के किसानों को अपनी फसलों को सुरक्षित रखने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरतनी होगी. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इस बारिश से सब्जी उत्पादकों को नुकसान हो सकता है, जबकि कुछ रबी फसलों को नमी मिलने का लाभ भी मिल सकता है, जो किसान जल निकासी और कीट प्रबंधन का ध्यान रखेंगे, वे इस स्थिति में भी अपनी फसलों को बचा सकते हैं और अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. किसान अपने खेतों की नियमित निगरानी करें और मौसम के अनुसार सही कृषि पद्धतियों को अपनायें. फसलों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार समय पर उचित कदम उठाकर इस बारिश को फसलों के लिए फायदेमंद बनाया जा सकता है.
अनाज को सूखे और हवादार स्थान पर रखें
कृषि विज्ञान केंद्र की डॉ चंचिला कुमारी ने बताया कि अधिक नमी के कारण किसानों के घरों में रखे अनाज और दालों में कीट व फफूंद लगने का खतरा बढ़ जाता है. किसान अपने अनाज को सूखे और हवादार स्थान पर रखें और भंडारण में नीम की पत्तियों का उपयोग करें ताकि कीटों से बचाव हो सके.प्रभावित हो सकता है उत्पादन
कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ भूपेंद्र सिंह के अनुसार टमाटर, मिर्च व बैंगन के फूल और फल बनने की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है. इसके अलावा, पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक, मेथी और सरसों में अधिक नमी के कारण फफूंदी जनित रोग (झुलसा रोग, डाउनी मिल्ड्यू) फैल सकता है. यदि आम और लीची जैसे फलों के पेड़ फूलने की अवस्था में हैं, तो तेज हवा से फूल झड़ने की संभावना बनी रहती है, जिससे उत्पादन प्रभावित हो सकता है. किसानों फफूंदीनाशक का छिड़काव करें और खेतों में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें.संभावित नुकसान को कम कर सकते हैं किसान
कृषि विज्ञान केंद्र के विनय कुमार ने कहा कि जिन किसानों ने अभी तक गेहूं, चना या मसूर की कटाई नहीं की है, वे मौसम को ध्यान में रखते हुए जल्द कटाई करें, ताकि संभावित नुकसान को कम किया जा सके. उन्होंने किसानों को कृषि योजनाओं का लाभ उठाने और मौसम आधारित खेती के लिए कृषि विज्ञान केंद्र से नियमित सलाह लेने की अपील की. इसके अलावा, उन्होंने सुझाव दिया कि किसान फसल बीमा योजना का लाभ उठाये और कृषि विज्ञान केंद्र से नियमित अपडेट लेते रहें. बारिश के कारण खेतों में अधिक नमी बनी रहेगी, जिससे कई फसल रोगों का खतरा बढ़ सकता है.दवा का समय पर छिड़काव करें
डॉ नूपुर चौधरी ने बताया कि गेहूं में पत्ती धब्बा रोग, चने में उकठा रोग और सरसों में सफेद गिल्ली रोग जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. किसान फसलों में दवाओं का समय पर छिड़काव करें और खेतों में जल निकासी की समुचित व्यवस्था करें, ताकि फसलों को नुकसान से बचाया जा सके. बारिश अधिक होती है, तो नुकसान की आशंका बढ़ सकती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है