आधे से अधिक सजा काट चुके बंदी अपना दोष स्वीकार कर कारा मुक्त हो सकते हैं 22कोडपी9 शिविर में प्राधिकार के सचिव व अन्य. प्रतिनिधि कोडरमा. जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में मंडल कारा कोडरमा में जेल अदालत सह विधिक जागरूकता शिविर एवं बंदियों के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया. शिविर के मुख्य अतिथि प्राधिकार के सचिव गौतम कुमार ने कहा कि बंदी अपने बीच से नकारात्मक सोच को हटाकर सकारात्मक सोच पैदा करे तथा अपराध की दुनिया से निकल कर समाज की मुख्य धारा में शामिल हों, ताकि स्वस्थ समाज के निर्माण में उनकी भागीदारी सुनिश्चित हो सके. उन्होंने बंदियों को प्ली-बार्गेनिंग की जानकारी देते हुए कहा कि इसके तहत बंदी अपना दोष स्वीकार कर अपनी सजा कम करा सकते हैं. अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मनोरंजन कुमार ने शिविर को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी मामले में आधे से अधिक सजा काट चुके बंदी अपना दोष स्वीकार कर कारा मुक्त हो सकते है, यदि वह अपराध बच्चों एवं महिलाओ के विरुद्ध नहीं हो. उन्होंने बंदियों कहा कि जेल में आने वाला प्रत्येक व्यक्ति अपने आप को अपराधी नहीं माने. एल ए डी सी एस के अधिवकता नवल किशोर ने बंदियों को दिये जाने वाले अधिकारों को काफी विस्तार से बताया. वहीं उन्होंने प्राधिकार द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों पर विशेष रूप से प्रकाश डाला. इसके अलावा एल ए डी सी एस के अधिवक्ता राजेंद्र मंडल एवं अश्विनी शरण ने भी अपने अपने विचार रखे. कार्यक्रम में कोडरमा के सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार के मार्ग दर्शन में सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अभिषेक कुमार ने नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा बंदियों के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया. मौके पर सहायक जेलर अभिषेक कुमार सिंह, न्यायालयकर्मी संतोष कुमार सिंह, जेल कर्मी राजीव कुमार, मोहम्मद मोईउद्दीन सहित सैंकड़ों बंदी मौजूद थे.
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