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लोगों के दर्द को समङों पीएलवी
कोडरमा बाजार : व्यवहार न्यायालय परिसर में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में शनिवार को जिला न्याय सदन का उदघाटन झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बीरेंद्र सिंह, उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति परमाथ पटनायक, प्रशांत कुमार, आरआर प्रसाद व डीएन पटेल ने किया. इस मौके पर पीएलवी (पारा लीगल वोलेंटियर) के लिए आयोजित पांच […]
कोडरमा बाजार : व्यवहार न्यायालय परिसर में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में शनिवार को जिला न्याय सदन का उदघाटन झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बीरेंद्र सिंह, उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति परमाथ पटनायक, प्रशांत कुमार, आरआर प्रसाद व डीएन पटेल ने किया.
इस मौके पर पीएलवी (पारा लीगल वोलेंटियर) के लिए आयोजित पांच दिवसीय ओरिएंटेशन इंडक्शन ट्रेनिंग प्रोग्राम के समापन समारोह को संबोधित करते हुए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बीरेंद्र सिंह ने कहा कि न्याय सदन से यहां के लोगों को काफी लाभ होगा. उन्होंने नव प्रशिक्षित पीएलवी (पारा लीगल वोलेंटियर) को संबोधित करते हुए कहा कि लोगों के दर्द को समङों और उन्हें उन्हें मौलिक अधिकार तथा न्याय के प्रति जागरूक करें
जस्टिस बीरेंद्र सिंह ने कहा कि पीएलवी लोगों के साथ सहानुभूति रखें, तभी उनके दिल में न्यायालय के प्रति विश्वास जगेगा. उनके छोटे-मोटे झगड़े को स्थानीय स्तर में ही निबटाने का प्रयास करें.
उन्होंने कहा कि पीएलवी पर कई जिम्मेवारियां हैं. लोगों को न्याय दिलाने के साथ-साथ सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं का लाभ लोगों को दिलाना भी उनका दायित्व बनता है. ग्रामीण स्तर पर लोगों को अपने बच्चों को शिक्षित करने के प्रति भी जागरूक करें. उन्होंने कहा कि हमें समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों तक न्याय पहुंचाना है. लोगों को सुलभ व सस्ता न्याय मिले, इसके लिए प्राधिकार तेजी से कार्य कर रहा है.
पीएलवी इसे और गति दें और झालसा के उद्देश्यों को घर-घर तक पहुंचायें. स्वागत भाषण प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार सिंह ने दिया. उन्होंने कहा कि कोडरमा के लिए आज का दिन काफी ऐतिहासिक है. समारोह को अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष जगदीश सलूजा के अलावे कई लोगों ने संबोधित किया. संचालन न्यायालयकर्मी परिनिका इमा ने किया.
इस मौके पर उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति परमाद पटनायक, प्रशांत कुमार, आरआर प्रसाद, डीएन पटेल, महानिबंधक अनिल कुमार चौधरी, उप निबंधक संजीव कुमार दास, सदस्य सचिव झालसा नवनीत कुमार, उप सचिव संतोष कुमार, मनोज कुमार श्रीवास्तव, उपायुक्त छवि रंजन, पुलिस अधीक्षक वाइएस रमेश, एएसपी नौशाद आलम, सिविल सजर्न डॉ मधुबाला राणा, अधिवक्ता संघ के सचिव मोहन प्रसाद अम्बष्ट, महिला आयोग की सदस्या सह अधिवक्ता किरण कुमारी, कुमार रोशन, पीएलवी बालेश्वर राम, मीरा देवी, जयश्री द्विवेदी, देवेंद्र शर्मा के अलावे व्यवहार न्यायालय के कई न्यायिक पदाधिकारी आदि मौजूद थे. धन्यवाद ज्ञापन उपायुक्त छवि रंजन ने किया.
विटनेस शेड का शिलान्यास : इस मौके पर मुख्य न्यायाधीश बीरेंद्र सिंह ने विटनेस शेड का शिलान्यास किया. इसके अलावा मुख्य न्यायाधीश व अन्य अतिथियों ने पौधारोपण भी किया. इसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने न्यायिक पदाधिकारियों व बार के सदस्यों के साथ बैठक की.
गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया : मुख्य न्यायाधीश के आगमन पर परिसदन में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. समारोह स्थल पर न्यायिक पदाधिकारियों ने मुख्य न्यायाधीश श्री सिंह व अन्य अतिथियों का स्वागत बुके देकर किया गया.
चलंत विधिक शिविर का आयोजन : अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन ने झालसा के सहयोग से चलंत विधिक सेवा शिविर का आयोजन किया. इसमें लोगों को कानूनी जानकारी दी गयी. मौके पर अध्यक्ष डॉ एमएस पाठक, राकेश रंजन मिश्र, नीलू, स्नेहलता दुबे, बिहारी लाल, धीरज कुमार आदि उपस्थित थे.
लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त करना संवैधानिक अधिकार है : उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति आरआर प्रसाद ने कहा कि लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त करना संवैधानिक अधिकार है और इसी अधिकार को दिलाने के लिए प्राधिकार का गठन हुआ है. उन्होंने कहा कि पीएलवी पर बहुत बड़ी जिम्मेवारी है. लोगों को कानूनी सहायता दिलवाने में पीएलवी अहम कड़ी है.
सबका व्यवहार विनम्र हो : उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति डीएन पटेल ने कहा कि नव प्रशिक्षित पीएलवी नि:स्वार्थ भाव से लोगों को कानूनी सहायता उपलब्ध करायें, तभी प्राधिकार के गठन का उद्देश्य सफल हो सकता है. उन्होंने कहा कि कोडरमा, हजारीबाग और गिरिडीह जिला के 50 पीएलवी को कानूनी जानकारी प्रशिक्षण के दौरान दी गयी. उन्हें यह जानकार काफी प्रसन्नता हुई है कि इन 50 में महिलाओं की संख्या अधिक है. यह महिला सशक्तीकरण का परिचायक है.
पीएलवी अपने व्यवहार के प्रति सतर्क रहें. सरकारी कार्यालयों में भी व्यवहार मित्रवत रखें. उन्होंने कहा कि न्यायालय के चपरासी से लेकर जज तक सबका व्यवहार विनम्र हो, तभी लोगों का न्यायालय के प्रति विश्वास बढ़ेगा और वे बेहिचक होकर हम तक अपनी समस्याओं को रख पायेंगे.
प्राधिकार का मुख्य बल पीएलवी है :उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार ने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकार का मुख्य बल पीएलवी है. आनेवाले समय में पीएलवी को कई अन्य जिम्मेवारी भी दी जायेगी.
पीएलवी न्यायपालिका का चेहरा है : न्यायमूर्ति परमाद पटनायक ने कहा कि पीएलवी न्यायपालिका का चेहरा है. वे अपने कर्तव्यों का निष्पादन इस प्रकार करें कि लोग अपने छोटे मोटे झगड़ों को लेकर न्यायालय न पहुंचें, बल्कि स्थानीय स्तर से ही मामले को सलटायें. इससे दोनों पक्षों को कई तरह का लाभ मिल सकता है.
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