कोडरमा 10 जुलाई (अखिल भारतीय मांग दिवस) को झारखंड राज्य आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ (सीटू) ने उपायुक्त कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है. आइसीडीएस के निजीकरण के खिलाफ, सेविका-सहायिका को 15 हजार व 10 हजार मानदेय देने व स्थायीकरण की मांग को लेकर यह निर्णय लिया गया.
इसको लेकर झुमरीतिलैया के सुंदर होटल में चिंतामणि देवी की अध्यक्षता में मंगलवार को बैठक हुई. बैठक में जिला सचिव पूर्णिमा राय ने सेविका-सहायिका की समस्याओं को रखा और कहा कि चार माह से मानदेय व पोषाहार नहीं मिलने के कारण केंद्र चलाना मुश्किल हो गया है. ऐसे में संघर्र्ष के सिवा कोई रास्ता नहीं बचा है. संघ के राज्य संयोजक संजय पासवान ने कहा कि आइसीडीएस को मिशन मोड में ले जाकर इसका निजीकरण करने की साजिश हो रही है और देश भर में 35 लाख आंगनबाड़ी कर्मियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
केंद्रीय श्रम सम्मेलन में पारित प्रस्ताव (जिसके तहत न्यूनतम 15 हजार मानदेय देने का निर्णय है) को लागू नहीं किया जा रहा है. राज्य सरकार ने 700 व 350 रुपये की बढ़ोत्तरी की है, लेकिन कैबिनेट से अब तक अनुमोदन न मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है. बैठक में रेडी टू इट पैकेट को आंगनबाड़ी केंद्र तक पहुंचाने, चार माह का बकाया पोषाहार व मानदेय का भुगतान करने, केंद्र को आठ से 12 बजे तक करने, गरमी की छुट्टी देने, भाड़ा पर चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों का किराया भुगतान करने को लेकर 10 जुलाई को 12 बजे से कोडरमा बाजार से जुलूस निकालने का निर्णय लिया गया. बैठक में उर्मिला देवी, गीता देवी, निलिमा कुमारी, सुनीता देवी, प्रभा देवी, संध्या वर्णवाल, पिंकी देवी, रेखा कुमारी आदि थी.