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Friday, March 29, 2024

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झारखंड : कांग्रेस जिलाध्यक्ष शंकर यादव हत्याकांड का खुलासा, 5 आरोपी गिरफ्तार, जानिए कैसे दिया था घटना को अंजाम

कोडरमा : कांग्रेस जिला अध्यक्ष शंकर यादव की हत्या के मुख्य आरोपी मुनेश यादव समेत पांच को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार अन्य आरोपियों में मुनेश का सहोदर भाई पवन यादव (भटबिगहा, चौपारण), नरेश यादव (उरवां), सुदीप यादव (पुरनाथाम, चंदवारा), रामदेव यादव (हरिला बरही) शामिल है. इनमें से चार आरोपी मुनेश यादव का […]

कोडरमा : कांग्रेस जिला अध्यक्ष शंकर यादव की हत्या के मुख्य आरोपी मुनेश यादव समेत पांच को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार अन्य आरोपियों में मुनेश का सहोदर भाई पवन यादव (भटबिगहा, चौपारण), नरेश यादव (उरवां), सुदीप यादव (पुरनाथाम, चंदवारा), रामदेव यादव (हरिला बरही) शामिल है.
इनमें से चार आरोपी मुनेश यादव का रिश्तेदार है. नरेश उसका फुफेरा भाई व सुदीप भगीना है. उक्त जानकारी प्रेस कांफ्रेंस में डीआइजी भीमसेन टूटी ने सोमवार को दी. इस मौके पर कोडरमा एसपी शिवानी तिवारी भी मौजूद थीं.
डीआइजी ने बताया कि हत्याकांड को मुनेश यादव ने रिश्तेदारों के साथ मिल कर अंजाम दिया.डीआइजी ने कहा कि कुछ लोगों ने मुनेश को आर्थिक मदद की है. उन्हें भी शीघ्र गिरफ्तार किया जायेगा. मुनेश की गिरफ्तारी सीएमसी वेल्लौर कैंपस से हुई. उन्होंने कहा कि आरोपी को रिमांड पर लिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि झारखंड में इस तरह की घटना पहली बार हुई है.
ऐसे दिया घटना को अंजाम
डीआइजी ने कहा कि हत्याकांड की योजना बनाकर वह वेल्लौर भाग गया. वहीं उसके छोटे भाई पवन यादव ने विस्फोटक लदे ऑटो को रिमोट से उड़ाया. जिसकी चपेट में आने से कांग्रेस जिलाध्यक्ष की स्काॅर्पियो आ गयी. घटनास्थल पर ही जिलाध्यक्ष शंकर यादव की मौत हो गयी. जबकि बॉडीगार्ड ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. वहीं चालक रिम्स में भर्ती है.
उन्होंने कहा कि घटना को अंजाम देने के बाद घटनास्थल पर मौजूद पवन ने फोन कर मुनेेश को जानकारी दी. अस्थायी स्पीड ब्रेकर घटना के एक दिन पहले बनाया गया था. 11 फरवरी को आॅटोरिक्शा में विस्फोटक प्लांट कर कुट्टी लोडकर पूरी तैयारी कर ली गयी थी. आॅटोरिक्शा में बम प्लांट करने में हजारीबाग के दो वर्कशॉप की भूमिका सामने आयी है.
उन्हें चिह्नित कर लिया गया है. ऑटो में बम प्लांट करने के बाद 12 फरवरी को चंदवारा थाना क्षेत्र के ढाब थाम के पास बने ब्रेकर के पास उसे रखा गया. 13 फरवरी को जिलाध्यक्ष शंकर यादव घर से निकले तो पहले से रेकी कर रहे सुदीप ने शंकर के खदान से निकलने की जानकारी पवन को दी. घटनास्थल पर मौजूद पवन ने ही बंकर में छिप कर रिमोट से विस्फोट कर दिया. इसके बाद नरेश यादव के साथ बाइक से भाग निकला. वहीं सुदीप भीड़ में शामिल हो गया.
ऑटो में आइइडी केनन बम प्लांट किया गया
डीआइजी ने बताया कि आॅटो में प्लांट विस्फोटक में नाइट्रो ग्लिसरीन और एक इंच के मेटेलिक स्पीलिंटर का प्रयोग किया गया था. ताकि एक निश्चित दिशा में गाड़ी को क्षतिग्रस्त किया जा सके. आॅटो में आइइडी केनन बम लगाने की प्लानिंग पुरानी थी. इसे प्लांट करने में किसी विशेषज्ञ की भूमिका सामने आ रही है. वहीं आॅटो के मालिक रामदेव यादव को भी गिरफ्तार किया गया.
दो माह से प्लानिंग की जा रही थी : मुनेश
मुनेश यादव ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि तीन माह पहले शंकर यादव को गोली मारी गयी थी. गंभीर रूप से घायल होने के बाद भी शंकर बच गया था. इसके बाद उसे भय हो गया कि शंकर उसे भी नहीं छोड़ेगा. इसलिए उसने इस तरह की घटना को अंजाम देने की योजना बनायी. करीब दो माह से घटना को लेकर प्लानिंग की जा रही थी.
डीआइजी टूटी ने बताया कि आरोपी के अनुसार, जो खदान शंकर यादव का वर्तमान में है, वह जमीन पहले मुनेश के पिता की थी, जिसे अनैतिक तरीके से शंकर यादव ने हासिल कर लिया था. इसी जमीन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है.
नक्सली कनेक्शन से इंकार, विस्फोटक को लेकर चल रही जांच
डीआइजी ने घटना में नक्सल कनेक्शन होने से साफ इंकार किया. हालांकि उन्होंने कहा कि मुनेश पूर्व में जेल जा चुका है. जेल में उसकी संगत बंद माओवादियों से हो सकती है. उसका भी खदान है. इस कारण वह विस्फोटक लगाना जानता है. डीआइजी ने घटना में प्रयुक्त विस्फोटक को कहां से लाया गया के सवाल पर कहा कि इस बिंदु पर पूछताछ चल रही है.
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