कर्रा. अश्विन पूर्णिमा के अवसर पर कर्रा के सोनमेर में भव्य मेला का आयोजन किया जायेगा. इस अवसर पर मंगलवार को जागरण और बुधवार को मेला लगाया जायेगा. प्रत्येक वर्ष प्राचीन प्रसिद्ध देवी मंदिर सोनमेर में अश्विन पूर्णिमा के अवसर पर पारंपरिक मेला लगाया जाता रहा है. जागरण में पुजारी बुधवा पाहन और लाधु पाहन रात को 12 बजे मुंडारी भाषा में मंत्रोच्चार कर पूजा करते हैं. माना जाता है कि गांव के मुख्य पुजारी पाहन के द्वारा विधि-विधान से पूजा करने पर श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होती है. मेला के दिन पड़हा खोड़हा के लोग मंडली बनाकर मंदिर परिसर पहुंचते हैं. जहां सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किया जाता है. वहीं छउ नृत्य भी प्रस्तुत किया जाता है. मेला में लोग आदिवासी वेशभूषा में आते हैं. वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जायेगा. मेला की तैयारी को लेकर आयोजन समिति और प्रशासन तैयारी में जुट गये हैं. इस वर्ष मेला में सांसद कालीचरण मुंडा, खूंटी विधायक राम सूर्या मुंड़ा, तोरपा विधायक सुदीप गुड़िया, खूंटी के पूर्व विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा सहित अन्य अतिथियों को आमंत्रित किया गया है. मेला को सफल बनाने के लिए प्राचीन प्रसिद्ध देवी मंदिर विकास समिति सोनमेर द्वारा विशेष समिति का गठन किया गया है. मेला को सफल बनाने में समिति के अध्यक्ष एतवा हेरेंज, जगतु बड़ाईक, मानी मुंडा, निरंजन हेरेंज, नीलम हेरेंज, किशोर बड़ाईक, संदीप हेरेंज, भरत शिखर, बासुदेव शिखर, अनूप मुंड़ा, राम हेरेंज सहित अन्य जुटे हुये हैं.
मनोकामनाएं होती है पूरी
प्राचीन देवी मंदिर सोनमेर में लोग अपनी मनोकामना पूरी करने आते हैं. शादी विवाह, जमीन जायदाद, संतान प्राप्ति, नौकरी लगने, व्यवसाय में उन्नति, गुमशुदा लोग की वापसी, गंभीर बीमारी से छुटकारा, केस, फौजदारी डिग्री, जेल से रिहाई, चुनाव में जीत सहित अन्य मनोकामनाए मंदिर में पूरी होती है. यहां बलि प्रथा भी है. मनोकामना पूरा होने पर लोग बलि देते हैं.
मुंडारी भाषा में मंत्रोच्चार कर पूजा करते हैं पाहन
मेला में लोग आदिवासी वेशभूषा में आते हैंB
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