जामताड़ा. राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर जिला परिषद सभागार में गुरुवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में डीडीसी निरंजन कुमार, जिला परिषद उपाध्यक्ष फूल कुमारी देवी, नाला के विधायक प्रतिनिधि परेश यादव सहित अन्य अधिकारी, कर्मी उपस्थित रहे. इस अवसर पर बिहार के मधुबनी जिला अंतर्गत लोहना उत्तर ग्राम पंचायत में आयोजित मुख्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन को सभी ने लाइव देखा एवं सुना. वहीं परिचर्चा में डीडीसी निरंजन कुमार ने कहा कि इस दिन को मनाने की शुरुआत 2010 में हुई थी, जबकि 73वां संविधान संशोधन 24 अप्रैल 1993 को लागू हुआ था. यह संशोधन पंचायतों को संवैधानिक दर्जा देता है और ग्राम, ब्लॉक तथा जिला स्तर पर त्रिस्तरीय संरचना सुनिश्चित करता है. इस व्यवस्था के तहत महिलाओं, अनुसूचित जातियों और जनजातियों को आरक्षण, नियमित चुनाव, वित्तीय स्वायत्तता और राज्य वित्त आयोग व चुनाव आयोग जैसी व्यवस्थाएं शामिल की गयी हैं. उन्होंने कहा भारत में पंचायती राज व्यवस्था की नींव बलवंत राय मेहता ने रखी थी. उन्हें इस प्रणाली का जनक माना जाता है. उन्होंने त्रिस्तरीय व्यवस्था, ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद की परिकल्पना की थी, ताकि लोकतंत्र की जड़ें गांव तक मजबूत हों. भारत में 1992 में 73वां संविधान संशोधन लागू होने के बाद पंचायती राज संस्थाएं संवैधानिक रूप से मान्यता प्राप्त हुईं. मौके पर डीडीसी ने सभी को स्वच्छता के प्रति सजग रहने, श्रमदान करने, गंदगी न करने एवं अपने गांवों एवं पंचायतों को स्वच्छ रखने के लिए सबों को शपथ दिलायी. मौके पर दीपक वर्मा, सुबोध मुर्मू, अनुज कुमार सहित अन्य थे.
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