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जेटेट अभ्यर्थियों ने स्पीकर को दिया ज्ञापन, सहायक आचार्य परीक्षा में मान्यता दिलाने की अपील

सीटेट अभ्यर्थी संघ ने विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्रनाथ महतो के आवास पर मिलकर मांग पत्र सौंपा. इस अवसर पर सीटेट अभ्यर्थियों को सहायक आचार्य परीक्षा में मान्यता दिलाने की अपील की.

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जामताड़ा. सीटेट अभ्यर्थी संघ ने रविवार को विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्रनाथ महतो के आवास पर मिलकर मांग पत्र सौंपा. इस अवसर पर सीटेट अभ्यर्थियों को सहायक आचार्य परीक्षा में मान्यता दिलाने की अपील की. कहा कि राज्य सरकार स्वत: निर्णय के लिए सक्षम है. बताया कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने सहायक आचार्य की परीक्षा में जेटेट अभ्यर्थी के पक्ष में फैसला सुनाया था और सीटेट अभ्यर्थी को सहायक आचार्य की परीक्षा में मान्यता नहीं देने की बात कही थी. इसी के लिए नाला, कुंडहित, फतेहपुर सहित जिले के सीटेट उत्तीर्ण कैंडिडेट ने रविवार को विधानसभाध्यक्ष से इस ओर राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करने की गुहार लगायी. सीटेट कैंडिडेट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के परिमल बनाम झारखंड राज्य WPC/4194/2024 का जजमेंट 30 जनवरी 2025 को सुनाया गया, जिसमें तेज प्रकाश बनाम राजस्थान सरकार (सिविल अपील संख्या 2636/2013) जजमेंट को आधार मानते हुए कहा कि भर्ती परीक्षा प्रक्रिया के दरम्यान सरकार नियमों में बदलाव नहीं कर सकती. इस पर झारखंड सीटेट कैंडिडेट ने झारखंड सरकार को स्वत: संज्ञान लेकर जजमेंट घोषित तिथि से तीस दिनों के अंदर रिव्यू याचिका सरकार को सर्वोच्च न्यायालय में दायर करने की अपील की, ताकि सीटेट कैंडिडेट को न्याय मिल सके. अभ्यर्थियों ने कहा कि प्रत्येक वर्ष झारखंड सरकार को जेटेट परीक्षा आयोजन करने का प्रावधान है, लेकिन राज्य गठन के बाद मात्र दो ही बार 2013 एवं 2016 में परीक्षा आयोजित हुई. पिछले 9 सालों से जेटेट परीक्षा का आयोजन किया नहीं है और 2016 में जो विद्यार्थी परीक्षा पास नहीं कर पाए थे, उनकी उम्र सीमा समाप्त हो रही है. प्रति वर्ष कम से कम एक बार जेटेट परीक्षा आयोजित करना अनिवार्य है. सहायक आचार्य नियुक्ति परीक्षा में वैसे जेटेट कैंडिडेट शामिल हुए हैं, जो मगही, भोजपुरी,अंगिका भाषा से हैं. लेकिन वर्तमान में झारखंड सरकार की 15 भाषाओं की सूची से बाहर है. झारखंड में ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा सिर्फ 9 भाषाओं को द्वितीय राजभाषा का दर्ज दिया गया है, जिसमें 5 जनजाति( मुंडारी, संथाली, खड़ियां, कुड़कू एवं हो) शामिल है तथा चार क्षेत्रीय भाषा, जिसमें खोरठा, नागपुरी, कुरमाली एवं पंच परगनिया को ही द्वितीय भाषा में अंगीकृत किया गया है. लेकिन जेएसएससी द्वारा उपरोक्त 9 भाषाओं के अतिरिक्त 6 और भाषा बंगला, उर्दू, संस्कृत, उड़िया, हिंदी के अलावा अंग्रेजी में विभिन्न परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है.

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