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विश्व रक्तदान दिवस: मिथक को तोड़ रही है जमेशदपुर की महिलाएं, कर रही है एसडीपी डोनेट

जमशेदपुर की महिलाएं अब स्वैच्छिक रक्तदान को पछाड़ कर वे एसडीपी डोनेट कर रही हैं. महिलाओं ने उस मिथक को तोड़ दिया कि ज्यादातर पुरूष ही ब्लड डोनेट करते हैं. क्यों कि अमूमन धारणा है कि उनमें खून की कमी होती है और वह शारीरिक रूप से कमजोर होती हैं.

जमशेदपुर : महिलाओं के बारे में धारणा है कि उनमें खून की कमी होती है और वह शारीरिक रूप से कमजोर होती हैं. इस मिथक को स्टील सिटी की महिलाओं ने तोड़ा है. अब स्वैच्छिक रक्तदान को पछाड़ कर वे एसडीपी डोनेट कर रही हैं. रक्तदाता के इस कॉलम में जहां की जगह को हमेशा ही खाली छोड़ा गया. वहीं पिछले कुछ वर्षों से उस जगह पर महिलाओं के नाम जुड़ने लगे हैं.

अब एक बार नहीं बल्कि दो से तीन बार महिलाएं एसडीपी डोनेट कर रही हैं. महिलाएं खुद तो रक्तदान कर ही रही हैं, दूसरों को भी इसके लिए जागरुक बना रही हैं. 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस पर लौहनगरी की स्टील वीमेन जिन्होंने एसडीपी डोनेट कर मिसाल कायम किया है उन्हें सलाम करते हैं और उनके अनुभव को साझा करती लाइफ@जमशेदपुर के लिए रीमा डे की रिपोर्ट.

रक्तदान करने में डरे नहीं

जमशेदपुर ब्लड बैंक के जीएम संजय चौधरी ने बताया कि रक्तदान को लेकर लोगों में कई भ्रातियां हैं, जबकि हकीकत इससे अलग है. रक्तदाता से एक बार में 300 से 400 मिली रक्त लिया जाता है. जो शरीर में उपलब्ध रक्त का लगभग 15 वां भाग होता है. शरीर में रक्तदान के तत्काल बाद दान किये गये रक्त की प्रतिपूर्ति की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाती है. रक्‍तदान के तुरंत बाद आप अपनी सामान्‍य दिनचर्या को दोबारा पा सकते हैं. बशर्ते आप इसके 12 घंटे तक हैवी एक्‍सरसाइज न करें. एक यूनिट ब्लड 21 दिन में बन जाता है. पुरुष तीन महीने के बाद और महिलाएं चार महीने के अंतराल में रक्तदान कर सकती है.

क्या है एसडीपी

एक सिंगल डोनर प्लेटलेट्स (एसडीपी) होता है. इसमें एक मशीन के माध्यम से व्यक्ति का रक्त लिया जाता है और उसमें से प्लेटलेट्स निकाल ली जाती है. इसके लिए रक्तदाता को इस मशीन से जोड़ दिया जाता है . प्‍लेटलेट किट में प्‍लेटलेट इकट्ठी होती जाती हैं और बाकी बचा हुआ रक्‍त दोबारा से उसके शरीर में पहुंचा दिया जाता है. इस पूरी प्रक्रिया में करीब 40 से 60 मिनट का समय लगता है.

एसडीपी डोनेशन का आंकड़ा :

जमशेदपुर ब्लड बैंक में एसडीपी डोनेशन सितंबर वर्ष 2018 से प्रारंभ हुआ है. अब तक कुल एसडीपी डोनेट- 1890 हुआ है. इसमें अलग-अलग संस्थाओं के बैनर तले रक्तदाताओं ने एसडीपी डोनेट किया है.

शहर में हैं आठ एसडीपी महिला डोनर

अब तक शहर की महिला एसडीपी डोनर की संख्या आठ है. ये महिलाएं समाज की अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है. जो कई लोगों को नया जीवन दे चुकी हैं. सबसे अच्छी बात है कि एक बार प्लेटलेट्स देने के बाद दोबारा वे ब्लड बैंक के कॉल पर आयी और कई घंटों के इस प्रक्रिया को पूरा करते हुए एसडीपी डोनेट किया.

किस संस्था ने कितना एसडीपी डोनेट किया

प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन (एसडीपी डोनर) – 269 यूनिट ( अब तक)

वोलेंटरी ब्लड डोनर एसोसिएशन ( एसडीपी डोनर)- 92 यूनिट ( अब तक)

रेड क्रॉस सोसाइटी (एसडीपी डोनर) – करीब 200 यूनिट

शनि देव भक्त मंडली- 62

Posted By: Sameer Oraon

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