डॉक्टरों ने हार्ट फेल या सांस की नली में कुछ फंसने से मौत की जता रहे आशंका
Jamshedpur News :
सिदगोड़ा-10 नंबर बस्ती पदमा रोड निवासी परविंदर सिंह के ढाई वर्षीय पुत्र रौनक सिंह की शनिवार को संदिग्ध अवस्था में मौत हो गयी. उसकी मौत की खबर मिलते ही पूरा परिवार सदमे में आ गया. परिवार के लोगों ने बताया कि हमलोगों को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि सुबह हंसते-खेलते बच्चे की अचानक मौत हो गयी. वह परविंदर सिंह का एकलौता बेटा था. उनकी दो बेटियां भी है. परविंदर सिंह ने बताया कि शनिवार की सुबह लगभग 10 बजे सोकर उठने के बाद आधी रोटी खायी. उसके बाद अपनी बहनों 10 वर्षीय जसकिरत कौर व 8 वर्षीय प्रभकिरत कौर व चाचा की बेटी गुरुसिमरन के साथ खेलने लगा. पिता सर्किट हाउस स्थित ऑफिस चले गये. इसी बीच रौनक की मां ऊपर में कपड़ा धोने चली गयी. वह खेलते-खेलते अचानक दूसरे कमरे में जाकर सो गया. जब कुछ देर हो गया, तो उसकी बहन उसे जगाने गयी, तो वह नहीं उठा. उसके बाद बच्चे की मां निकिता कौर भी आकर उसे उठायी, लेकिन वह नहीं उठा. इसके बाद निकिता बेटे को लेकर पड़ोस के लोगों के साथ मर्सी अस्पताल गयी. उसके साथ ही बच्चे के पिता व परिवार के अन्य लोगों को भी इसकी जानकारी दी. सभी लोग अस्पताल पहुंचे. अस्पताल में डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया. उसके बाद वे लोग उसे लेकर टीएमएच चले गये. वहां भी डॉक्टरों ने जांच कर उसे मृत बताया. पिता परविंदर सिंह ने बताया कि डॉक्टर उसके मौत का सही कारण नहीं बता पाये. डॉक्टरों ने आंशका जाहिर की है कि हार्ट फेल होने से या सांस की नली में कुछ फंसने से सांस लेने में हुई दिक्क्त की वजह से उसकी मौत हुई होगी. परिजनों ने शव को टिनप्लेट अस्पताल के शवगृह में रख दिया. रविवार को उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया.मर्सी अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया, नहीं चल रही थी धड़कन
रौनक सिंह की जांच के बाद मर्सी अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा दी गयी रिपोर्ट में बताया गया कि मरीज को इमरजेंसी में लाया गया था. जांच में पाया गया कि रौनक की धड़कन नहीं चल रही थी. ईसीजी जांच और आंख की पुतली में किसी प्रकार का कोई मूवमेट नहीं पाया गया था.पापा चिप्स लेते आना
रौनक के पिता परविंदर सिंह ने बताया कि सुबह वह खाना खाने के बाद अपनी बहनों के साथ खेलने लगा. जब हम ऑफिस जा रहे थे, तो हमको टाटा करने के साथ ही शाम में चिप्स लेकर आने को कहा, हम बोले कि शाम में हम तुमको चिप्स लाकर देंगे. हमको क्या पता था, ऐसा हो जायेगा. यह बोलकर वे भावुक हो गये. उसके दादा राजेंद्र सिंह तरसिक्का जो बारीडीह गुरुद्वारा के पूर्व प्रधान रह चुके हैं. उन्होंने बताया कि छह माह पहले मेरी पत्नी की हार्ट अटैक से ही मौत हो गयी थी.क्या कहते हैं विशेषज्ञ
ब्रह्मानंद नारायण अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ राम नरेश राय ने बताया ढाई साल के बच्चे में हार्ट अटैक न के बराबर होता है. क्योंकि तीन साल से ज्यादा उम्र के बच्चों में ब्लाॅकेज बनना शुरू होता है, अभी तो इसका बना ही नहीं होगा, तो हार्ट अटैक कैसे हो सकता है. उन्होंने कहा कि बच्चा खेल रहा था, उसी दौरान उसमें मुंह में पानी या खाना या थूक आ गया होगा. जिसको निगलने के दौरान वह खाद्य नली में नहीं जाकर सांस की नली में चला गया हो, जिससे उसको सांस लेने में दिक्कत व बेचैनी लगने लगा होगा, जिससे वह जाकर सो गया. उस दौरान सही से सांस नहीं लेने के कारण उसकी मौत हो गयी होगी. हालांकि मौत का सही कारण उसके पोस्टमार्टम रिपोर्ट से चल सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

