हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड और पूर्वी सिंहभूम डीसी के बीच डीड एग्रिमेंट के बाद खनन विभाग देगा माइनिंग चालान
सुरदा के बाद राखा माइंस में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से दस हजार लोगों के लिए रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे
Jamshedpur News :
वर्षों से बंद पड़ी एचसीएल की राखा कॉपर माइंस फिर से चालू होगी. भारत सरकार के वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा राखा माइंस के लिए आवश्यक पर्यावरण मंजूरी दे दी गयी है. एचसीएल के राखा भूमिगत तांबा खदान के लिए ग्राम कुमीरमुढ़ी, रोआम, मुर्गाघुटू, तेतुलडांगा, माटीगोड़ा, कुलामारा एवं ईचड़ा ग्राम सभा द्वारा माइंस के लिए दिये गये एनओसी के आधार पर मंत्रालय ने वार्षिक 30 लाख टन (तीन मिलियन टन) अयस्क उत्पादन के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति प्रदान की है. इसको लेकर 14 अगस्त को पत्र जारी किया गया है.बता दें कि गत सात जुलाई 2001 को राखा माइंस बंद हुआ था. उस समय माइंस में करीब 700 मजदूरों को जबरन वीआरएस दे दिया गया था. राखा माइंस की उत्पादन क्षमता 1000 टन प्रतिदिन की थी. तांबा के मूल्य में आयी तेजी एवं देश में बढ़ती तांबे की मांग को देखते हुए एचसीएल ने बंद पड़े राखा माइंस को फिर से चालू करने के साथ प्रस्तावित चापड़ी माइंस को शुरू करने का निर्णय लिया है.एसडब्ल्यूएमएल को मिला है ग्लोबल टेंडर
बंद पड़े राखा कॉपर माइंस को फिर से संचालित करने का ग्लोबल टेंडर साउथ वेस्ट माइनिंग प्रा लि. को मिला है. ठेका कंपनी अगले 20 वर्ष तक राखा के साथ चापड़ी माइंस का संचालन करेगी. कंपनी राखा माइंस से प्रति वर्ष 15 लाख टन अयस्क उत्पादन करेगी. इसके साथ ही राखा लीज एरिया में चापड़ी नया खदान का विकास करेगी. इसके साथ ही ठेका कंपनी रोआम में मैचिंग कैपेसिटी का कंसंट्रेटर संयंत्र भी स्थापित करेगी. कंपनी राखा तथा चापड़ी माइंस में अगले कुछ वर्षों में 2700 करोड़ रुपये का निवेश करेगी.785 हेक्टेयर है लीज क्षेत्र
राखा कॉपर माइंस का लीज क्षेत्रफल 785 हेक्टेयर का है. इसमें से करीब 98 हेक्टेयर वन भूमि है. इसी वन भूमि के लिए ग्रामसभा से सहमति मिलने के आधार पर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से पर्यावरण स्वीकृति मिली है. पर्यावरणीय स्वीकृति मिलने से बंद पड़े राखा कॉपर प्रोजेक्ट तथा प्रस्तावित चापड़ी माइंस को फिर से खोलने का काम शुरू होगा. जानकारी के अनुसार ठेका कंपनी ने बंद पड़े राखा कॉपर माइंस को फिर से चालू करने के लिए बंद पड़े माइंस से पानी निकासी का काम भी शुरू कर दिया है. करीब 24 वर्ष बाद बंद पड़े राखा कॉपर माइंस के फिर से खुलने से क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिलेगा.वर्जन…
राखा कॉपर माइंस के लिए भारत सरकार द्वारा पर्यावरण मंजूरी दे दी गयी है. इसका पत्र भी आ गया है. अब जल्द एचसीएल व डीसी के बीच डीड एग्रिमेंट होगा, फिर एचसीएल को कॉपर की माइनिंग के लिए माइनिंग चालान दिया जायेगा.सतीश कुमार नायक, जिला खनन पदाधिकारी, पूर्वी सिंहभूम
राखा कॉपर माइंस खुलने से मुसाबनी-घाटशिला क्षेत्र से पलायन रूकेगा. इसके लिए गत माह केंद्रीय मंत्री से मिलकर पर्यावरण मंजूरी का अनुरोध किया था. यह मुसाबनी-घाटशिला के सुदूर ग्रामीण इलाके में रहने वाले ग्रामीणों के लिए खुशखबरी है.विद्युत वरण महतो, सांसद, जमशेदपुरB
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