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बिहार के नालंदा से आया था अनमोल, डेढ़ महीने से ले रहा था क्रिकेट की ट्रेनिंगवरीय संवाददाता, जमशेदपुर.चांडि
ल सरायकेला-खरसावां जिला के चांडिल प्रखंड मुख्यालय स्थित काटिया स्टेडियम में रविवार देर शाम वज्रपात की चपेट में आने से आठ वर्षीय बालक अनमोल सिंह की मौत हो गयी. अनमोल मूल रूप से बिहार के नालंदा जिले के कमरपुर गांव (पावापुरी थाना क्षेत्र) का रहने वाला था. वह पिछले डेढ़ महीने से चांडिल के बिरसा क्रिकेट अकादमी, काटिया स्टेडियम में क्रिकेट की ट्रेनिंग ले रहा था.रविवार की शाम को स्टेडियम में सोमवार सुबह होने वाले क्रिकेट मैच की तैयारी चल रही थी. कोच प्रमोद कुमार के अनुसार, बच्चे पिच और मैदान को ठीक कर रहे थे. उसी दौरान अनमोल थोड़ी दूरी पर खड़ा होकर मोबाइल फोन पर कुछ देख रहा था. तभी अचानक आसमान से बिजली गिरी और वह उसकी चपेट में आ गया.घटना के बाद अनमोल को तत्काल इलाज के लिए टीएमएच लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज भेज दिया है. अनमोल के पिता अमरजीत सिंह को घटना की सूचना मिलने के बाद वे नालंदा से जमशेदपुर पहुंचे. उन्होंने इस संबंध में पुलिस को बयान दिया, जिसके आधार पर यूडी केस दर्ज किया गया है.
सोमवार को होना था मैच, रविवार रात को चल रही थी पिच रोलिंगरविवार की रात स्टेडियम में सोमवार सुबह होने वाले मैच की तैयारी के तहत पिच पर रोलिंग का काम चल रहा था. बाकी बच्चे रोलिंग कर रहे थे और उनके पास मोबाइल भी था. अनमोल सिंह वहीं पास में खड़ा था. अचानक तेज बिजली चमकी और देखते ही देखते ठनका गिरा, जो सीधे अनमोल को जा लगा. वह मौके पर ही बेहोश होकर गिर पड़ा. कुछ देर में उसकी मौत हो गयी. घटना के बाद मृतक के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है.
सिदगोड़ा के प्रमोद कुमार चला रहे थे ट्रेनिंग सेंटरकाटिया स्टेडियम में चल रही क्रिकेट ट्रेनिंग अकादमी को सिदगोड़ा निवासी प्रमोद कुमार संचालित कर रहे थे. उन्होंने वर्ष 2022 में चांडिल के प्रखंड विकास पदाधिकारी से स्टेडियम में क्रिकेट प्रशिक्षण केंद्र खोलने की अनुमति ली थी. तब से यह सेंटर समय-समय पर बच्चों को प्रशिक्षण दे रहा था. वर्तमान में यहां लगभग 20 बच्चे क्रिकेट की ट्रेनिंग ले रहे थे, जिनमें अधिकांश बच्चे बिहार से आए हुए थे.
बारिश या वज्रपात के दौरान बरतें ये सावधानियां
मोबाइल का प्रयोग न करें और इंटरनेट डेटा बंद कर दें.खुले में हों तो मजबूत छत वाले पक्के मकान में शरण लें.
टीन या धातु की छत वाले मकानों से दूर रहें.पेड़ के नीचे खड़े न हों, बिजली गिरने की सबसे अधिक संभावना वहीं होती है.
वाहन में बैठे हैं तो वहीं रहें, बाहर न निकलें.धातु से बनी वस्तुएं न छुएं.
बिजली और टेलीफोन के खंभों से दूर रहें.पानी से दूर रहें, तालाब, नदी या झील से तुरंत निकल जाएं.
खिड़की-दरवाजे से दूर रहें.लिफ्ट का इस्तेमाल न करें.
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