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Jharkhand News : झारखंड के ये दो युवा बनें यूथ आइकॉन, बना डाली 500 करोड़ की कंपनी, MNC कंपनी भी करते हैं करोडों का निवेश

आज की तारीख में यह कंपनी सैकड़ों युवाओं को रोजगार दे रही है, जिसमें झारखंड के युवाओं की अच्छी-खासी तादाद है. देश के विभिन्न हिस्सों में रहनेवाले करोड़ों लोग, जो कभी अंग्रेजी नहीं जानने की वजह से इंटरनेट का सही इस्तेमाल नहीं कर पाते थे, इस कंपनी द्वारा बनाये गये सॉफ्टवेयर के जरिये आइटी क्रांति का लाभ उठा रहे हैं. दरअसल, बॉबल एआइ कंपनी स्मार्ट फोन के लिए ‘की-बोर्ड’ बनाती है. इसका इस्तेमाल करीब पांच करोड़‌ लोग करते हैं. ये की-बोर्ड दुनिया की 120 से ज्यादा भाषाओं को सपोर्ट करता है. जिसमें 37 भारतीय भाषाएं शामिल हैं.

Jharkhand News, Jamshedpur News रांची : लौहनगरी यानी जमशेदपुर में पले-बढ़े और यहीं से प्रारंभिक शिक्षा हासिल करनेवाले दो सगे भाई अंकित प्रसाद व राहुल प्रसाद आज झारखंड के लाखों युवाओं के स्टार्ट अप आइकॉन बन चुके हैं. इन दोनों भाइयों ने अपने दम पर 500 करोड़ की एक सॉफ्टवेयर कंपनी खड़ी कर दी है. ‘बॉबल एआइ’ नाम से इस कंपनी का मुख्यालय देश की राजधानी दिल्ली में है और ग्लोबल कंपनियों को टक्कर दे रही है.

आज की तारीख में यह कंपनी सैकड़ों युवाओं को रोजगार दे रही है, जिसमें झारखंड के युवाओं की अच्छी-खासी तादाद है. देश के विभिन्न हिस्सों में रहनेवाले करोड़ों लोग, जो कभी अंग्रेजी नहीं जानने की वजह से इंटरनेट का सही इस्तेमाल नहीं कर पाते थे, इस कंपनी द्वारा बनाये गये सॉफ्टवेयर के जरिये आइटी क्रांति का लाभ उठा रहे हैं. दरअसल, बॉबल एआइ कंपनी स्मार्ट फोन के लिए ‘की-बोर्ड’ बनाती है. इसका इस्तेमाल करीब पांच करोड़‌ लोग करते हैं. ये की-बोर्ड दुनिया की 120 से ज्यादा भाषाओं को सपोर्ट करता है. जिसमें 37 भारतीय भाषाएं शामिल हैं.

पालने में ही दिख गये थे पूत के पांव :

अंकित और राहुल को बचपन से ही कंप्यूटर से लगाव था. अंकित ने तो महज छह साल की कम उम्र में कोडिंग सीख ली थी. जमशेदपुर में रहते हुए ही राहुल ने महज 18 और अंकित ने 16 साल की उम्र में न केवल टेक्नोलॉजी स्टार्टअप शुरू कर दिया था, बल्कि इसे मुनाफे में भी ले आये थे.

आइआइटी दिल्ली में पढ़ाई के दौरान ही अंकित ने ‘टंच टैलेंट’ नाम से अपना दूसरा स्टार्ट अप शुरू किया, जिसमें उन्हें शानदार कामयाबी मिली. इसके बाद उन्होंने पढ़ाई के आखिरी साल में इंजीनियरिंग कोर्स से ड्रॉप आउट‌ करने का फैसला लिया. कुछ‌ बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम करने के बाद राहुल ने भी अपने छोटे भाई का साथ देने का फैसला किया. आखिरकार दोनों के हौसले, मेहनत, लगन और प्रतिभा की बदौलत ‘टैलेंट टच’ से शुरू हुआ यह कारोबारी सफर ‘बॉबल एआइ’ तक जा पहुंचा.

दोनों भाइयों को बचपन से ही था कंप्यूटर से लगाव, अंकित ने महज छह साल की उम्र में सीख ली थी कोडिंग

राहुल ने 18 और अंकित ने 16 साल की उम्र में शुरू किया था टेक्नोलॉजी स्टार्टअप, मुनाफे में भी ले आये थे

आइआइटी दिल्ली में पढ़ाई के दौरान ही अंकित ने ‘टंच टैलेंट’ नाम से अपना दूसरा स्टार्ट अप शुरू किया

अंकित प्रसाद को फोर्ब्स की तरफ से जारी होनेवाली सूची ‘फोर्ब्स-30 अंडर 30’ एशिया में किया गया था शामिल

परिचय

प्रारंभिक शिक्षा : सरस्वती विद्या मंदिर, चाईबासा

10वीं और 12वीं : डीएवी एनआइटी, जमशेदपुर

आइआइटी दिल्ली : अंकित लास्ट ईयर में ड्रॉप आउट हो गये

पिता : रंजीत प्रसाद, एनआइटी-जमशेदपुर में भूगर्भ शास्त्र के प्रोफेसर

माता : अनीता प्रसाद‌, नगर कार्यवाहक, आदित्यपुर सेवा समिति

बड़े निवेशकों ने किया निवेश

फ्लिपकॉर्ट‌ फाउंडर सचिन बंसल, बिन्नी बंसल, मेक माइट्रिप के फाउंडर दीप कालरा‌, एफल इंडिया सहित सैफ पार्टनर्स और शाओमी जैसे निवेशकों ने बॉबल एआइ में करोड़ों का निवेश किया है. आज‌ की तारीख में इस‌ कंपनी की वैल्यू 500 करोड़‌ रुपये हो चुकी है. बॉबल एआइ के फाउंडर सीइओ अंकित प्रसाद को फोर्ब्स की तरफ से जारी होनेवाली सूची ‘फोर्ब्स-30 अंडर 30’ एशिया में शामिल किया गया था. जबकि, बिजनेस वर्ल्ड मैगजीन की ‘40 अंडर 40’ लिस्ट में भी उन्हें जगह मिल चुकी है.

झारखंड से है पहचान

झारखंड ही मेरी पहचान है. मैं आज भी कोशिश करता हूं कि मेरी कंपनी में झारखंड के ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिले. हाल ही में एनआइटी जमशेदपुर के 20 युवाओं को प्लेसमेंट दिया है. रांची के कई युवा भी हमारे यहां नौकरी कर रहे हैं.

– अंकित, संस्थापक, बॉबल एआइ

Posted By : Sameer Oraon

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