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Jharkhand News : राज्य निर्धनता छात्रवृत्ति योजना परीक्षा पास करने के बाद भी बच्चों को नहीं मिली छात्रवृत्ति, इतने जिले के बच्चे रह गये वंचित, पढ़े पूरी रिपोर्ट

जिले के सिर्फ 50 बच्चों को छात्रवृत्ति मिली, वह भी सिर्फ एक साल. पूर्वी सिंहभूम जिले को आवंटित 4.92 लाख रुपये वापस हो गये. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने प्राथमिक शिक्षा निदेशक को एक पत्र भेजते हुए जवाब दिया है कि 50 बच्चों को उक्त राशि दे दी गयी, लेकिन अन्य बच्चों की खाता संख्या सही नहीं होने की वजह से राशि नहीं दी गयी. राज्य के आठ जिलों को कुल 34.68 लाख रुपये की राशि आवंटित की गयी थी. पूर्वी सिंहभूम के सिर्फ 50 बच्चों को मिला योजना का लाभ, वह भी सिर्फ एक साल, राशि लैप्स

jamshedpur News, jharkhand Poverty scholarship scheme exam status, jharkhand Poverty scholarship scheme exam latest report जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम के सरकारी स्कूलों के 246 विद्यार्थियों का चयन राज्य निर्धनता छात्रवृत्ति योजना के लिए किया गया था, लेकिन उन्हें छात्रवृत्ति नहीं दी गयी. अब योजना बंद हो गया. आवंटित राशि लैप्स हो गयी. ऐसा एक साल नहीं, बल्कि तीन सालों तक हुआ.

जिले के सिर्फ 50 बच्चों को छात्रवृत्ति मिली, वह भी सिर्फ एक साल. पूर्वी सिंहभूम जिले को आवंटित 4.92 लाख रुपये वापस हो गये. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने प्राथमिक शिक्षा निदेशक को एक पत्र भेजते हुए जवाब दिया है कि 50 बच्चों को उक्त राशि दे दी गयी, लेकिन अन्य बच्चों की खाता संख्या सही नहीं होने की वजह से राशि नहीं दी गयी. राज्य के आठ जिलों को कुल 34.68 लाख रुपये की राशि आवंटित की गयी थी. पूर्वी सिंहभूम के सिर्फ 50 बच्चों को मिला योजना का लाभ, वह भी सिर्फ एक साल, राशि लैप्स

अब सरकार ने बंद कर दी योजना:

राज्य निर्धनता छात्रवृत्ति योजना को एक साल पहले सरकार ने बंद कर दिया है. उक्त योजना के अलावा राज्य मेधा छात्रवृत्ति अौर राष्ट्रीय मेधा छात्रवृत्ति योजना को भी सरकार ने बंद कर दिया है. अब इसकी जगह पर मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृत्ति योजना चल रही है. इसके तहत छात्र-छात्राअों को जिलास्तर पर सालाना 6,000 रुपये, जबकि प्रखंड स्तर पर सालाना 3,000 रुपये दिये जा रहे हैं.

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क्या थी योजना, कैसे होता था चयन

राज्य सरकार द्वारा राज्य निर्धनता छात्रवृत्ति योजना की शुरुआत 2015-2016 में की गयी थी. इसमें ऐसे विद्यार्थी शामिल हो सकते थे, जो सातवीं पास हों. साथ ही जिनके पिता की वार्षिक आय 24,000 रुपये हो. इस प्रकार के विद्यार्थियों की लिखित परीक्षा के आधार पर चयन होता था. परीक्षा में 200 अंकों के अॉब्जेक्टिव टाइप प्रश्न पूछे जाते थे. प्रत्येक प्रखंड के पांच छात्र व पांच छात्रा का चयन इस योजना के लिए किया जाता था.

राज्य निर्धनता मेधा छात्रवृत्ति योजना के तहत जिले के 246 छात्र-छात्राअों को राशि नहीं दिये जाने की जानकारी मिली है. आखिर किस कारण से उन्हें राशि दिये बगैर लैप्स हो गयी, उसकी जांच की जा रही है. यह गंभीर मामला है. बच्चों की कोई गलती नहीं थी. परीक्षा पास कर वे छात्रवृत्ति के हकदार हैं.

एसडी तिग्गा, जिला शिक्षा पदाधिकारी

सरकारी बाबू व क्लर्क की लापरवाही का नुकसान बच्चों को हुआ है. गिने-चुने बच्चों को ही यह बांटा गया है. तीन वर्षों तक बच्चों के बीच यह राशि नहीं बांटी गयी, लेकिन अधिकारी को पता ही नहीं. इसका विरोध किया जायेगा.

आशीष मिश्रा, शिक्षक नेता

क्या थी योजना, कैसे होता था चयन

राज्य सरकार द्वारा राज्य निर्धनता छात्रवृत्ति योजना की शुरुआत 2015-2016 में की गयी थी. इसमें ऐसे विद्यार्थी शामिल हो सकते थे, जो सातवीं पास हों. साथ ही जिनके पिता की वार्षिक आय 24,000 रुपये हो. इस प्रकार के विद्यार्थियों की लिखित परीक्षा के आधार पर चयन होता था. परीक्षा में 200 अंकों के अॉब्जेक्टिव टाइप प्रश्न पूछे जाते थे. प्रत्येक प्रखंड के पांच छात्र व पांच छात्रा का चयन इस योजना के लिए किया जाता था.

राज्य के किस जिले को कितना आवंटन

जिला आवंटित(रु) लैप्स (रु)

जमशेदपुर 5.92 लाख 4.92 लाख

रामगढ़ ” 96,000 0

धनबाद 3.54 लाख 0

कोडरमा 2.88 लाख 0

बोकारो 4.80 लाख 0

साहेबगंज 9.10 लाख 5.10 लाख

गोड्डा 2.62 लाख 1 लाख

खूंटी 4.86 लाख 4.86 लाख

Posted By : Sameer Oraon

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