-बहरागोड़ा में पंचायत सचिव की भूमिका संदिग्ध, बीडीओ से लिखित शिकायत
बहरागोड़ा प्रखंड में आबुआ आवास योजना में गड़बड़ी का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. दीपाली राउत नामक लाभुक को आवास स्वीकृति दी गयी है, जबकि उसकी स्थिति इस योजना के तहत आवास पाने के योग्य नहीं थी. दीपाली के पति कृष्णा राउत गांव का डॉक्टर है, और उनका बेटा केंद्र सरकार के अधीन एक सरकारी संस्थान में कार्यरत है. इस संबंध में गांव के प्रमेश मुंडा ने शनिवार को बीडीओ से लिखित शिकायत की है. उन्होंने पूरी घटना की जांच की मांग की और आरोप लगाया कि दोषी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए. साथ ही, उन्होंने आबुआ आवास योजना के तहत केवल जरूरतमंद लाभुकों को आवास देने की अपील की है.
झारखंड सरकार की आबुआ आवास स्वीकृति प्रक्रिया में पंचायत सचिव, मुखिया और अन्य का महत्वपूर्ण भूमिका है. बिना इनकी सत्यापन और अनुशंसा के किसी लाभुक को आवास नहीं मिल सकता है. ऐसे में इस मामले में पंचायत सचिव की भूमिका संदिग्ध प्रतीत हो रही है. मामला अब बहरागोड़ा के बीडीओ के पास पहुंच चुका है, और जांच की प्रक्रिया शुरू हो गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है