Funeral Rites: जमशेदपुर-बिष्टुपुर पार्वती घाट पर झारखंड का पहला इको-फ्रेंडली लकड़ी वाला शवदाह गृह तैयार किया गया है. यहां कम खर्च और जल्द अंतिम संस्कार संपन्न हो सकेगा. इसकी मशानी गुजरात से मंगायी गयी है, जिसकी कीमत करीब सात लाख रुपए है. मशीन स्थापित करने वाली कंपनी के प्रोपराइटर हर्षिल अर्जुन भाई पटेल ने बताया कि लकड़ी की आंच सीधा शव तक पहुंचे, ऐसी इस मशीन में व्यवस्था है.
70 किलो लकड़ी में एक घंटा में पूरी होगी शवदाह प्रक्रिया
हर्षिल अर्जुन भाई पटेल ने बताया कि पारंपरिक तरीके से शवदाह करने में करीब तीन क्विंटल लकड़ी की जरूरत पड़ती है. शवदाह करने में ढाई से तीन घंटे लगते हैं, लेकिन इस मशीन में 60-70 किलो लकड़ी से करीब एक घंटे में शवदाह की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. यह मशीन 800 डिग्री सेल्सियस तापमान पर काम करती है. मशीन में कपाल क्रिया, परिक्रमा और अस्थि संचय की भी सुविधा उपलब्ध है.
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अस्थियां और राख ऐसे कर सकेंगे प्राप्त
हर्षिल पटेल के अनुसार इस पहल से हर साल 200 पेड़ों की कटाई रोकी जा सकेगी. मशीन जल्द ही एक्टिव हो जाएगी. यह एक पूर्णतः कवर वाला लकड़ी शवदाह प्लेटफॉर्म है, जिसमें पहले शव और लकड़ियां रखी जाएंगी. इसके बाद पूरी प्रक्रिया अपनाकर ढक्कन बंद कर दिया जाएगा. शवदाह प्रक्रिया पूरी होने पर नीचे बनी ट्रे से अस्थियां और राख प्राप्त की जा सकेगी.
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