सीआइआइ के उद्यमियों ने जीएसटी 2.0 की चुनौती, अवसर और लागू करने के बिंदुओं पर की चर्चा
Jamshedpur News :
नये जीएसटी स्लैब से बाजार में तेजी आयेगी. आम लोगों से लेकर कंपनियों को भी बड़ी राहत मिलेगी. यह बातें भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) के जीएसटी 2.0 में बदलाव, प्रभाव, चुनौतियां और अवसर विषय पर आयोजित उद्यमियों की परिचर्चा में सामने आयी. इस दौरान नये जीएसटी सुधारों, अनुपालन आवश्यकताओं और व्यवसायों पर उनके प्रभाव पर प्रकाश डाला गया. जिसमें परिचालन निरंतरता सुनिश्चित करने, वित्तीय प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और उद्योग को एक सुचारु बदलाव के लिए तैयार करने पर ध्यान केंद्रित किया गया. विशेषज्ञों और पेशेवरों ने कंपनियों के बदलते कर परिदृश्य में प्रभावी ढंग से आगे बढ़ने में मदद करने के लिए व्यवहारिक अंतर्दृष्टि और रणनीतियों पर चर्चा की. सीआइआइ झारखंड के मेंटर और जयेश टौंक एंड कंपनी के सीइओ जयेश टौंक ने इस बात पर प्रकाश डाला कि हालिया जीएसटी 2.0 सुधार भारत की अप्रत्यक्ष कर यात्रा में एक मील का पत्थर है, जिसका उद्देश्य अनुपालन को सरल बनाना, पारदर्शिता बढ़ाना और नये अवसर पैदा करना है. साथ ही विशेष रूप से एमएसएमइ के लिए नयी चुनौतियां भी पेश करना है. उन्होंने कहा कि जीएसटी ने केंद्रीय और राज्य करों के जटिल जाल को खत्म करके व्यापार करने में उल्लेखनीय सुधार किया है. सीआइआइ झारखंड आर्थिक मामले, वित्त एवं कराधान पैनल के संयोजक और टाटा स्टील लिमिटेड के मुख्य विधि सलाहकार विकास मित्तल ने जीएसटी 2.0 को भारत की आर्थिक यात्रा में सबसे परिवर्तनकारी सुधारों में से एक बताया. फ्लीटगार्ड फिल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष संजय कुलकर्णी ने जीएसटी 2.0 के परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रकाश डाला और करदाताओं व समाज के लिए इसकी सरलता पर ज़ोर दिया. उन्होंने रक्षा और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों सहित भारत में उत्पादों के निर्माण के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों की सराहना की. सह-संयोजक आर्थिक मामले, वित्त एवं कराधान पैनल अरुण ए गौर ने कहा कि जीएसटी 2.0 केवल एक राजकोषीय समायोजन से कहीं अधिक का प्रतिनिधित्व करता है. यह भारत के अगले दशक के आर्थिक विकास, प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि, व्यवसायों के लिए अवसरों के द्वार खोलने और उद्योग एवं सरकार के बीच सहयोगात्मक साझेदारी को बढ़ावा देने का खाका प्रस्तुत करता है.सत्र के दौरान अपने विचार साझा करने वाले प्रमुख वक्ताओं में विवेक जालान (पार्टनर, टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी और अध्यक्ष, राष्ट्रीय राजकोषीय मामले एवं कराधान समिति, द बंगाल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री) अरुण प्रकाश, (वरिष्ठ महाप्रबंधक वित्त, टाटा कमिंस प्राइवेट लिमिटेड), प्रवीण हेगड़े, (सीएफओ, जमशेदपुर कंटीन्यूअस एनीलिंग एंड प्रोसेसिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड), प्रियंका गांगुली (प्रमुख, एफएंडए, टीआरएफ लिमिटेड), पंकज पटवारी (कानूनी एवं अप्रत्यक्ष कर सलाहकार, टाटा मोटर्स लिमिटेड), ज्योति प्रकाश (सीएफओ, टाटा स्टील यूटिलिटीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज लिमिटेड), धनु कुमार (प्रमुख – अप्रत्यक्ष कर, आरएसबी ट्रांसमिशन-आई लिमिटेड) और निशांत पुजारा (उप महाप्रबंधक वित्त, क्योसेरा समूह) शामिल थे.
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