Jamshedpur news.
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर भारतीय रेलवे ने महिला रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) कर्मियों को मिर्च स्प्रे कैन से लैस करने का निर्णय लिया है. यह गैर-घातक, लेकिन प्रभावी उपकरण महिला आरपीएफ कर्मियों को चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से निपटने में मदद करेगा. विशेष रूप से उन मामलों में, जहां वे अकेली यात्रा कर रही महिला यात्रियों या बच्चों के साथ यात्रा कर रही महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही हों. यह पहल भारतीय रेलवे की लैंगिक समावेशन, महिला सशक्तिकरण और सुरक्षा में सुधार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. मिर्च स्प्रे कैन से लैस होकर महिला आरपीएफ कर्मी खतरों को रोकने, उत्पीड़न की घटनाओं का जवाब देने और आपात स्थितियों को प्रभावी ढंग से संभालने में सक्षम होंगी. यह विशेष रूप से उन संवेदनशील स्थानों में उपयोगी होगा, जैसे कि सुनसान स्टेशन, चलती ट्रेनें और दूरस्थ रेलवे क्षेत्र, जहां तत्काल समर्थन उपलब्ध नहीं हो सकता.मिर्च स्प्रे कैन से लैस करके हम महिला आरपीएफ कर्मी का आत्मविश्वास बढ़ा रहे : महानिदेशक
इस पहल का समर्थन करते हुए रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक मनोज यादव ने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री के महिला सशक्तिकरण और सार्वजनिक स्थानों को सुरक्षित बनाने के दृष्टिकोण के अनुरूप है. भारतीय रेलवे लगातार महिलाओं की यात्रा को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए कई उपाय कर रहा है. हमारी महिला आरपीएफ कर्मी ताकत, देखभाल और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है. मिर्च स्प्रे कैन से लैस करके हम उनकी आत्मविश्वास और कार्यक्षमता को बढ़ा रहे हैं. साथ ही यह स्पष्ट संदेश दे रहे हैं कि यात्रियों की सुरक्षा, विशेष रूप से महिलाओं की सुरक्षा, हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. महिला आरपीएफ कर्मियों की भूमिका सिर्फ सुरक्षा तक सीमित नहीं है. वे संकटग्रस्त महिला यात्रियों की सहायता भी करती हैं, इनमें वे गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं, जो ट्रेन यात्रा के दौरान प्रसव पीड़ा में चली जाती हैं.
महिला आरपीएफ कर्मियों ने ट्रेनों में 174 महिलाओं की सुरक्षित प्रसूति में की है मदद
‘ऑपरेशन मातृशक्ति’ के तहत, 2024 में अब तक महिला आरपीएफ कर्मियों ने ट्रेनों में 174 महिलाओं की सुरक्षित प्रसूति में मदद की है, जिसमें उनकी गोपनीयता, गरिमा और समय पर चिकित्सा सहायता सुनिश्चित की गयी. महिला सुरक्षा के लिए रेलवे द्वारा उठाए गये कई प्रभावी कदमों में महिला आरपीएफ कर्मियों की संख्या में वृद्धि भी शामिल है. आज आरपीएफ में महिलाओं की संख्या 9 फीसदी है, जो कि किसी भी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) में सबसे अधिक है. इनमें से कई महिलाएं ‘मेरी सहेली’ टीम का हिस्सा हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य महिला यात्रियों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करना है. 250 से अधिक ‘मेरी सहेली’ टीमों द्वारा प्रतिदिन लगभग 12,900 महिला यात्रियों से बातचीत कर सुरक्षा और आश्वासन प्रदान किया जाता है. महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों के दौरान, महिला आरपीएफ कर्मियों ने अपने पुरुष सहयोगियों के साथ मिलकर हजारों महिला श्रद्धालुओं को सहायता प्रदान की, जो प्रयागराज में पवित्र स्नान के लिए आई थीं.
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