डाक से भेजे जायेंगे पत्र व पंचायतों में लगेगी नोटिस
सूची रिफ्रेश कर वेटिंग लिस्ट वालों को दिया जायेगा योजना लाभ
केवाइसी के दौरान डिस्ट्रीब्यूटरों को हो रही परेशानी
Jamshedpur News :
पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिले के 2400 से अधिक उज्ज्वला योजना के ग्राहकों को इ-केवाइसी, री-केवाइसी कराने के लिए इंडेन द्वारा 15 दिनों की अंतिम मोहलत दी जा रही है. इस अवधि में यदि वे खुद के होने का प्रमाण इ-केवाइसी के माध्यम से नहीं देते हैं, तो उनके कनेक्शन डिस्कनेक्ट कर दिये जायेंगे. ऐसा इसलिए भी किया जा रहा है कि वेटिंग लिस्ट वालों को सरकार की इस योजना का लाभ दिलाया जा सके. पेट्रोलियम मंत्रालय ने पहला सिलिंडर लेने के बाद नहीं लौटे 2400 से अधिक ग्राहकों को खोजने का जिम्मा डिस्ट्रीब्यूटर को दिया है. डिस्ट्रीब्यूटर समय रहते यदि संबंधित कनेक्शनधारियों का इ-केवाइसी नहीं करा पाते हैं, तो उनके कनेक्शन कम होने की भी संभावना है. इंडेन अधिकारियों ने बताया कि ये सभी ऐसे उपभोक्ता हैं, जिन्होंने पहला उज्ज्वला सिलिंडर लिया, इसके बाद दोबारा कभी रिफिल-भराने के लिए एजेंसी नहीं आये.उज्ज्वला ग्राहकों को खोजने के लिए लिखे जायेंगे पत्र, पंचायत में लगेगी नोटिस
सरकार और मंत्रालय नहीं चाहता है कि किसी का भी कनेक्शन कटे, इसलिए सभी को एक मौका देने का फैसला स्थानीय इंडेन के सेल्स ऑफिस से लिया गया है. सभी डिस्ट्रीब्यूटर को निर्देश दिया गया है कि वे डाक के माध्यम से उज्ज्वला कनेक्शन धारियों के पते पर पत्र भेजें. बताया जाता है कि यह प्रक्रिया उन्हें 15 दिनों में दो बार पूरी करनी होगी. एक बार पत्र लिखने में 30-35 रुपये का खर्च डिस्ट्रीब्यूटर को खुद ही वहन करना होगा. इसके अलावे संबंधित पंचायत भवन के नोटिस बोर्ड पर उज्ज्वला कनेक्शनधारी के संबंध में नोटिस लगाने को कहा गया है, ताकि उसके बारे में कोई भी जानकारी दे सकें. यह प्रक्रिया डिस्ट्रीब्यूटर को तीन दिनों के अंदर पूरी कर लेनी होगी.
सरकार, जनप्रतिनिधि व प्रशासन के दवाब में दिये गये थे कनेक्शन
उज्ज्वला कनेक्शनधारियों को खोजने में डिस्ट्रीब्यूटरों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. डीलरों का कहना है कि जब कनेक्शन दिये गये, उस वक्त सरकार, जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारियों का काफी दबाव था, इसलिए आनन-फानन में कनेक्शन बांटे गये. अब उन्हें खोजने में परेशानी हो रही है. कई ने बेटियों के नाम पर कनेक्शन लिए थे, जो शादी के बाद दूसरे गांव चली गयी है. ऐसे में उन्हें केवाइसी समेत अन्य प्रक्रियाओं से कोई लेना-देना नहीं है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है