प्रमुख संवाददाता, जमशेदपुर
पूर्व खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा कि पूर्व की सरकार ने उनकी रोक के बावजूद 11.30 लाख राशन कार्डों को रद्द कर दिया. राशन कार्ड रद्द करने के कारणों की जानकारी भी नहीं दी गयी. झारखंड सरकार ने जे पॉल संस्था से वैध राशन कार्डों को रद्द करने को लेकर अध्ययन कराया था, जिसका निष्कर्ष शुक्रवार को समाचार पत्रों में आया.
इस विषय को उन्होंने मंत्री के रूप में वर्ष 2017 में उठाया था. तत्कालीन मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने 27 मार्च 2017 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अधीनस्थ पदाधिकारियों को निर्देश दिया था कि जिनका आधार कार्ड नहीं है, उनका राशन कार्ड रद्द कर दिया जाये. बाद में 29 मार्च 2017 को उन्होंने विभागीय सचिव को लिखित आदेश भी दे दिया. इस कारण बड़े पैमाने पर राशन कार्ड रद्द किये गये.
विभाग के वेबसाइट में आधार नहीं होने के कारण राशन कार्ड रद्द करने से संबंधित कॉलम नहीं है, इसलिए विभागीय अधिकारियों ने आधार विहीन राशन कार्डधारियों का कार्ड कोई न कोई कारण बताकर रद्द कर दिया. इस पर उन्होंने छह अप्रैल 2017 को विभागीय सचिव को सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश और केंद्र सरकार के परिपत्र का हवाला देते हुए प्रासंगिक राशन कार्ड रद्द नहीं करने का निर्देश दिया था, जिसका पालन नहीं हुआ और विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी भी नहीं दी कि राशन कार्ड को किस कारण से रद्द किया गया है और कितने राशन कार्ड रद्द हुए.
इसके बाद उन्होंने एक अलग संचिका खोलकर मुख्य सचिव के आदेश को रद्द कर दिया. झारखंड सरकार के 1000 दिन पूरा होने पर उनके पास संचिका आयी कि 11.30 लाख राशन कार्ड निरस्त कर दिये गये हैं, जिनका कोई कारण नहीं दर्शाया गया. उन्होंने इसकी स्वीकृति नहीं दी तो सीधे मुख्यमंत्री से आदेश लेकर 1000 दिन की उपलब्धि में इसे शामिल कर दिया गया.