- पोटका प्रखंड के कोगदा गांव की रहनेवाली थी सीता मुंडा
- गर्भवती थी, पर देखभाल करने कोई नहीं आया
- सहिया व सेविका पर लापरवाही का आरोप
- सहिया के कहने पर भी नहीं ले गयी थी अस्पताल
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जमशेदपुर : न अस्पताल ले गया, न कोई देखने आया, पहले सीता मरी, 20 दिन बाद नवजात की भी गयी जान
त्रिलोचन सिंह, जमशेदपुर : पोटका प्रखंड की आसनबनी पंचायत के कोगदा गांव में इलाज के अभाव में पहले सीता मुंडा. सीता गर्भवती थी और उसने बच्ची को जन्म देने के सात दिनों के बाद ही दम तोड़ दिया. इलाज के लिए तड़पती रही. गर्भवती सीता की देखभाल करनेवाली सहिया के कहने के बावजूद एएनएम उसे […]
त्रिलोचन सिंह, जमशेदपुर : पोटका प्रखंड की आसनबनी पंचायत के कोगदा गांव में इलाज के अभाव में पहले सीता मुंडा. सीता गर्भवती थी और उसने बच्ची को जन्म देने के सात दिनों के बाद ही दम तोड़ दिया. इलाज के लिए तड़पती रही. गर्भवती सीता की देखभाल करनेवाली सहिया के कहने के बावजूद एएनएम उसे इलाज के लिए अस्पताल नहीं ले गयी थी. सीता की मौत के 20 दिनों के बाद उसकी बच्ची की भी मौत हो गयी.
सीता के पति शेखर मुंडा ने दोनों की मौत को लेकर सहिया और आंगनबाड़ी सेविका पर भी लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. बुधवार को इसकी जानकारी मदर टेरेसा वेलफेयर सेंटर के पदाधिकारियों को मिली. वे कोगदा गांव पहुंचे और घटना की जानकारी ली.
सिर्फ एक बार देखने आयी थी सेविका : शेखर मुंडा ने मदर टेरेसा वेलफेयर सेंटर के पदाधिकारी हरपाल सिंह थापर को बताया कि सीता के गर्भवती होने के बाद आंगनबाड़ी सेविका और सहिया ने एक बार घर पहुंचकर वस्तुस्थिति की जानकारी ली थी. प्रसव के समय नजदीक आने पर सहिया ने किसी तरह की देखभाल नहीं की. सीता को अस्पताल नहीं ले जाया गया.
अंत में सीता ने बच्ची को घर पर ही जन्म दिया. बच्ची के जन्म होने के दो दिनों बाद सहिया और आगनबाड़ी सेविका घर पहुंची. दोनों ने महिला और बच्ची को देखा, लेकिन टीका तक नहीं लगाया. समुचित इलाज नहीं होने के कारण उसकी पत्नी सीता काफी कमजोर हो गयी. इलाज के अभाव में उसने दम तोड़ दिया. शेखर मुंडा ने मदर टेरेसा वेलफेयर सेंटर को बताया, सीता की मौत के बाद बच्ची की परवरिश की समस्या हो गयी. वह कुपोषण की शिकार हो गयी. 22 दिसंबर को बच्ची की भी मौत हो गयी. पूरे मामले को मदर टेरेसा वेलफेयर सेंटर के हरपाल सिंह थापर ने गंभीरता से लिया है.
शेखर मुंडा के अनुसार, 20 दिसंबर को टेल्को खड़गाझार शिवनगरी निवासी सुरु सरदार आया. बच्ची काे अपने साथ ले गया. 22 दिसंबर को सुबह दस बजे उसका साला बच्ची को घर छोड़ गया. रात में दस बजे बच्ची की मौत हो गयी. सीता और उसकी बच्ची की मौत के बाद भी सहिया और आगनबाड़ी केंद्र से कोई सुध लेने नहीं आया.
क्या कहता है मदर टेरेसा वेलफेयर सेंटर
मदर टेरेसा वेलफेयर सेंटर के हरपाल सिंह थापर ने कहा, इसमें पूरी तरह से आंगनबाड़ी सेविका और सहिया दोषी हैं. गर्भवती महिला की जांच करने और बच्ची के जन्म लेने के समय भी कोई सहिया मौजूद नहीं थी. समय पर बच्ची को टीका नहीं दिया गया. मामले को उपायुक्त तक ले जायेंगे और जांच की मांग करेंगे.
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