जमशेदपुर : पुरी-कोणार्क बालेश्वर मंदिर के पास मरीन ड्राइव में डूबे मानगाे के गुलाम मुस्तफा आैर तलहा खान के शवाें का तीन दिन बाद भी पता नहीं चल पाया है. आेड़िशा में तितली तूफान आने के कारण समुद्र किनारे से सभी काे हटा दिया गया. गुलाम मुस्तफा आैर तलहा खान की खाेज में जमशेदपुर से गये करीब 20-25 से अधिक लोग बुधवार देर रात लाैट आये.
गुलाम मुस्तफा के हुसैनी माेहल्ला आैर तलहा खान के जवाहनगर राेड नंबर नाै स्थित आवास में सन्नाटा छाया हुआ है. हुसैनी मुहल्ला में रहने वाले गुलाम मुस्तफा के पिता माेहम्मद अहमद ने बताया कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि इतना बड़ा हादसा उनके साथ क्याें हुआ. अल्लाह काे उनका इकलाैता बेटा प्यारा हाे गया. वह अपनी बहन की शादी के लिए कतर से जमशेदपुर आया था.
हादसा इतना बेदर्दी से हुआ कि उनके बेटे काे मिट्टी भी नसीब नहीं हुई. परिवार के लाेग तड़प रहे हैं कि आखिर ऐसा क्याें हाे गया. यही स्थिति तलहा के परिवार की भी है. तलहा भी अपने घर में इकलाैता था. वह करीम सिटी कॉलेज में प्लस टू का छात्र था. उसके पिता हयात खान ने बताया कि मिनटाें में उनकी दुनिया खत्म हाे गयी. जब पहला कॉल आया कि तलहा समुद्र में डूब गया, ताे उनके हाथ-पैर सुन्न हाे गये.
उन्हें लगा कि समुद्र में ऐसी घटना नहीं हाे सकती, लेकिन थाेड़ी देर बाद जब यह पता चला कि वह दिख भी नहीं रहा है, ताे उनकी बेचैनी का काेई ठिकाना नहीं रहा. काफी मुश्किल से वे पुरी के उस समुद्र तट पर पहुंचे, जिसने उनका इकलाैता बेटा लील लिया. दाे दिन वहां काफी मुश्किल से रहे, हर दरवाजा खटखटाया, लेकिन किसी तरह की काेई मदद नहीं मिली. तितली तूफान के कारण उन्हें आैर परेशानियाें का सामना करना पड़ा. दाे-तीन दिन बाद वे लाेग फिर जायेंगे.