टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष के आग्रह पर टाटा संस के एमिरट्स चेयरमैन रतन टाटा व चेयरमैन चंद्रशेखरन ने दिया आश्वासन
जमशेदपुर : टाटा समूह की अन्य कंपनियों की शाखा भी जमशेदपुर में खोली जायेंगी. समूह के एमिरट्स चेयरमैन रतन टाटा और चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने यह आश्वासन टाटा वर्कर्स यूनियन को दिया है. दोनों शनिवार को टाटा वर्कर्स यूनियन की नयी कमेटी के लोगों से मिलने के लिए बिष्टुपुर स्थित उनके कार्यालय पहुंचे थे. उन्होंने सभी पदाधिकारियों के साथ बातचीत की. यूनियन कार्यालय में करीब आधे घंटे तक वे रहे. यूनियन के अध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने यूनियन के चुनाव के बारे में भी उन्हें जानकारी दी इस दौरान रतन टाटा ने कहा कि आज टाटा स्टील जिस मुकाम पर है, उसमें यूनयन का अहम योगदान रहा है.
यूनियन ने पार्टनरशिप की तरह काम किया है. आगे भी प्रबंधन- यूनियन मिलकर हर समस्या का समाधान निकालते रहें. चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि यह कोशिश होगी कि जमशेदुर में कंपनियों की शाखाएं खुले. इस मौके पर टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने कंपनी को नया शहर के सौंदर्यीकरण के लिए सहयोग करने के लिए सराहा और साथ ही स्किल डेवलपमेंट में हुए कार्यों को विस्तार से बताया. इस मौके पर टाटा स्टील ग्रुप एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर कौशिक चटर्जी, वीपी एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी, जुबिन पालिया, संदीप धीर समेत कई अन्य लोग मौजूद थे. यूनियन से अध्यक्ष आर रवि प्रसाद के अलावा महामंत्री सतीश सिंह, डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय, शहनवाज, हरिशंकर, भगवान, एसके राय आदि मौजूद थे.
मोटरसाइकिल राइडर्स, रैफ, जैप, टाटा मोटर्स, सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स, एआइडब्ल्यूसी, भारत सेवाश्रम संघ, बाल विहार, चिन्मया विद्यालय, छत्तीसगढ़ जनकल्याण समिति, सीपीएन क्लब, डीबीएमएस, गुजराती सनातन समाज, जमशेदपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स, केरला समाजम, मद्रासी सम्मेलनी, मिलानी क्लब, मारवाड़ी महिला मंच, पंजाबी समाज, रामकृष्ण मिशन, राजस्थान मैत्री संघ, यूपी संघ, सीनियर सिटीजन एसोसिएशन, लायंस क्लब, हार्टिकल्चर सोसायटी, जायसवाल समाज, प्रजापिता ब्रह्म कुमार ईश्वरीय विश्व विद्यालय, साउथ इंडियन एसोसिएशन कदमा, आरोग्य भवन, बंगाल क्लब, एसिया.
टाटा स्टील पूरे समूह की वाहक : चंद्रशेखरन
टाटा स्टील पूरे टाटा समूह व यहां के नागरिक समूह की वाहक है. यह बातें टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहीं. वह शनिवार को टाटा स्टील परिसर में आयोजित परेड के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने बताया कि टाटा स्टील समूह को पहचान दिलाने वाली यानी फ्लैगशिप कंपनी है. इसका भविष्य काफी बेहतर है. टाटा स्टील की समूह के मैनेजमेंट, कर्मचारी और यहां की जनता ने जो मदद की है, वह कंपनी को आगे ले जाने में सहायक है. उन्होंने बताया कि पूरी दुनिया के लिए यह अनूठा उदाहरण है कि जो कंपनी नागरिकों के साथ मिलकर चलती है और इतनी तेजी से आगे बढ़ रही है. आने वाले समय में टाटा स्टील और बेहतर काम करेगी, यही उम्मीद है. उन्होंने कहा कि इस शहर के विकास और कंपनी को आगे ले जाने के लिए आवश्यक कदम उठाये जायेंगे. उन्होंने कहा कि टाटा समूह की फिलॉसॉफी और रतन टाटा के बताये मार्ग के अनुरूप ही वे काम करेंगे. उन्होंने कहा कि जमशेदपुर की जनता और काॅरपोरेट घराने के बीच का समन्वय दुनिया के लिए एक मिसाल है. इसे और मजबूत किये जाने की जरूरत है.
बचपन की यादें ताजा हो गयीं : ललिता
जमशेदपुर में काफी कुछ बदल चुका है. पहले से यह शहर और सुंदर हो गया है. ऐसा लगता है कि यह कोई महानगर हो. यह बातें टाटा समूह के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन की पत्नी ललिता चंद्रशेखरन ने कहीं. उन्होंने कहा कि इस शहर से मेरा बचपन और जीवन की कई यादें जुड़ी हुई हैं. यहां आकर पुरानी यादें ताजा हो गयीं. बिष्टुपुर स्थित पोस्टल पार्क में उन्होंने संवाददाताओं से संक्षिप्त बातचीत की. श्रीमती चंद्रशेखरन की प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा जमशेदपुर में ही हुई थी. चंद्रशेखरन के ससुर (ललिता के पिता) एस रामचंद्रन टाटा स्टील में अधिकारी थे. उनकी सास कमला रामचंद्रन डीबीएमएस जमशेदपुर की 1982 से 1984 तक दो वर्ष तक अध्यक्ष रहीं. ललिता चंद्रशेखरन के पिता एस रामचंद्रन टाटा स्टील से 1988 में सेवानिवृत्त हुए. वे अपने परिवार के साथ जुस्को टाउन ऑफिस के सामने स्थित हिल व्यू रोड के क्वार्टर नंबर छह में रहते थे. एस रामचंद्रन की दो बेटियां शारदा व ललिता हैं. दोनों की प्रारंभिक शिक्षा सेक्रेड हार्ट कांवेंट स्कूल में हुई. ललिता ने 1980 में कांवेंट से 10वीं की परीक्षा पास की. उनकी आगे की पढ़ाई चेन्नई में हुई. सेवानिवृत्त होने के बाद रामचंद्रन जमशेदपुर से चेन्नई चले गये. एन चंद्रशेखरन से ललिता की शादी चेन्नई में ही हुई थी. इस शादी समारोह में जमशेदपुर के कई लोग शामिल हुए थे.