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महंगाई से हुआ बुरा हाल! 20 से 25 फीसदी बढ़ा परिवार का खर्च, खाने पीने से लेकर कॉस्मेटिक समान तक हुए महंगे

कोरोना के बाद बढ़ती महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है, छह माह में 20 से 25 फीसदी तक हर परिवार का खर्च बढ़ गया है. वहीं बजट में कटौती कर लोग अनावश्यक खर्च से बच रहे हैं. ट्रैवलिंग व होटल-भी रेस्टोरेंट में जाना कम कर दिया है.

वैश्विक महामारी कोरोना के बाद महंगाई आफत बनकर आयी है. पेट्रोल-डीजल की बढ़ रही कीमत का सीधा असर बाजार पर पड़ रहा है. चावल-आटा से लेकर साबुन-सर्फ समेत सभी सामान के दाम बढ़ गये हैं. स्कूल फीस, दवा, बस-टेंपो का किराया भी बढ़ा है. महंगाई से आम व खास सबका बजट गड़बड़ा गया है. छह माह में 20 से 25 फीसदी तक हर परिवार का खर्च बढ़ गया है. लोगों की जेब हल्की हो रही है. बजट में कटौती कर लोग अनावश्यक खर्च से बच रहे हैं.

ट्रैवलिंग व होटल-रेस्टोरेंट में जाना कम कर दिया है.

छह माह पहले एक परिवार (हम व हमारे तीन) में राशन पर आठ हजार रुपये खर्च होते थे, अब वह खर्च बढ़कर लगभग 12 हजार रुपये हो गया है. रसोई गैस की कीमत भी बढ़ गयी है. छह माह पहले 957 रुपये में रसोई गैस आता था. आज इसकी कीमत बढ़कर 1007 रुपये पहुंच गया. गृहिणियां भी अपनी रसोई के बजट में कटौती कर रहीं है.

जहां दो से तीन सब्जियां परोसती थी, अब एक सब्जी से काम चला रहीं. कोरोना काल में सरकारी कर्मचारियों को नियमित महंगाई भत्ता (डीए) मिल रहा है. जबकि प्राइवेट कंपनियों में काम करनेवाले लोगों की या तो नौकरी चली गयी या कम वेतन पर काम कर रहे हैं. महंगाई का असर सबसे ज्यादा ऐसे ही परिवार पर पड़ता है. गरीब परिवार को सरकार की ओर से लगातार मदद मिल रही है और अमीर को महंगाई से कोई लेना देना नहीं है. महंगाई की मार से मध्यम वर्गीय परिवार पूरी तरह पिस रहा है. रिपोर्ट -सुधीर सिन्हा.

चावल में चार व आटा में दो रुपये बढ़ी कीमत

डीजल की कीमत बढ़ने का सीधा असर ट्रांसपोर्टेशन पर पड़ा है. छह माह के भीतर चावल पर चार व आटा पर दो रुपये प्रतिकिलो कीमत बढ़ी है. हालांकि पिछले कुछ दिनों से तेलहन के दाम लगातार घट रहे हैं. जो सरसों तेल (सलोनी) 190 रुपये लीटर था, वह आज 166-170 रुपये लीटर हो गया है.

सामान छह माह पहले आज का भाव

चावल परिमल 28 32

चावल मिनी कट 36 42

चनादाल 65 75

लाल बादाम 100 140

सरसों तेल(सलोनी) 190 170

सरसों तेल(इंजन) 192 185

रिफाइन(फॉर्चून) 160 170

रिफाइन (सफोला गोल्ड) 190 200

नोट : सामानों के दाम रुपये प्रति किलो व तेलहन के दाम प्रति लीटर है. हीरापुर हटिया की यह कीमत ली गयी है.

कॉस्मेटिक्स की कीमत 15 से 20% बढ़ी

महिलाओं को सजना व संवरना भी महंगा हो गया है. कॉस्मेटिक की कीमत में 15 से 20 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है. इस वजह से सौंदर्य प्रसाधन की बिक्री थोड़ी प्रभावित हुई है. चूड़ी व लहठी की कीमत भी बढ़ गयी है.

कॉस्मेटिक छह माह पहले आज का भाव

ग्लो एंड लवली(50 ग्राम) 96 110 रु

लैक्मे कांपेक्ट 180 190 रु

पॉन्ड्स पाउडर(100 ग्राम) 120 132 रु

लैक्मे लिपिस्टिक 275 284

गार्नियर कलर(बड़ा) 180 185

नोट : पार्क मार्केट, हीरापुर के बालाजी स्टोर से ली गयी कीमत पर आधारित है.

महंगे डीजल से बढ़ा ट्रांसपोर्टेशन खर्च

डीजल की कीमत बढ़ने से ट्रांसपोर्टेशन चार्ज महंगा हो गया है. छह माह में लगभग 20 फीसदी तक ट्रांसपोर्टेशन चार्ज महंगा हो गया है. जैसे-जैसे डीजल की कीमत बढ़ रही है, वैसे-वैसे ट्रांसपोर्टेशन महंगा होता जा रहा है.

ट्रांसोपर्टेशन छह माह पहले आज का भाव

बनारस 55-60 75-80 प्रति क्विंटल

चावल(बंगाल) 55-60 65-70 रु प्रति क्विंटल

गुड़(मुरादाबाद) 230-260 280-320रु प्रति क्विंटल

चीनी (दालकुंडी) 80 95रु प्रति क्विंटल

सरसों तेल(भरतपुर) 55-60 70-80 हजार ट्रक

दलहन(दिल्ली) 60-65 80 हजार ट्रक

नोट : बाजार समिति के होलसेल दुकानदारों से ली गयी ट्रांसपोर्टेशन चार्ज पर आधारित है.

साबून-सर्फ भी महंगा

रोजमर्रा के सामान की कीमत में बेतहाशा वृद्धि हुई है. पिछले छह माह में 20 से 25 फीसदी तक कीमत बढ़ी है. साबून, सर्फ से लेकर तूथपेस्ट के दाम भी बढ़े हैं.

सामान छह माह पहले का भाव आज का भाव

लक्स साबुन (100 ग्राम) 22 33

लाइफब्यॉय(100 ग्राम) 20 29

गोदरेज(पांच पीस पैकेट) 78 120

कोलगेट(100 ग्राम) 50 58

पतंजलि(100 ग्राम) 45 50

ह्वील एक्टिव(1 किलो) 52 60

सर्फ एक्सेल(500 ग्राम) 50 60

भवानी घी (1 किलो) 510 550

नोट : एफएमसीजी प्रोडक्ट की कीमत रुपया प्रति ग्राम है. हीरापुर हटिया से इसकी कीमत पर ली गयी है.

Posted By: Sameer Oraon

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