हजारीबाग. प्रख्यात कवि भारत यायावर की 71वीं जयंती पर शनिवार को सागर भक्ति संगम के तत्वावधान में स्वर्ण जयंती पार्क में गोष्ठी का आयोजन किया गया. अध्यक्षता केसी मेहरोत्रा ने की. संचालन ब्रजनंदन प्रसाद ने किया. कथाकार सह स्तंभकार विजय केसरी ने कहा कि कवि भारत यायावर का संपूर्ण जीवन हिंदी साहित्य को समर्पित था. उन्होंने हिंदी साहित्य की सभी विधाओं पर काम किया. वे मूलतः एक कवि थे. उन्होंने कथाकार फणीश्वर नाथ रेणु और महावीर प्रसाद द्विवेदी जैसे महान शख्सियत की रचनावली का संकलन और संपादन कर हिंदी साहित्य को गौरवान्वित किया. शिक्षाविद केसी मेहरोत्रा ने कहा कि भारत यायावर जैसे साहित्यकार सदियों बाद जन्म लेते हैं. उन्होंने हिंदी साहित्य की साधना में अपना संपूर्ण जीवन व्यतीत किया था. उनकी एक कविता कविता फिर भी मुस्कुराती है…के पाठन से जीवन में आगे बढ़ाने की प्रेरणा मिलती है. शिक्षाविद ब्रजनंदन प्रसाद ने कहा कि भारत यायावर का रचना संसार बहुत ही विस्तृत है. वे जितने अच्छे कवि थे, उतने ही अच्छे लेखक भी थे. उन्होंने हिंदी साहित्य को अपने लेखन से बहुत कुछ दिया. वे जीवन के अंतिम क्षणों तक हिंदी साधना में रत रहे थे. सतीश होर्रा, सुरेंद्र गुप्ता, अजीत कुमार गुप्ता, उमेश केसरी, गोपी कृष्ण सहाय, संजय खत्री, शंभु शरण सिन्हा, अखिलेश सिंह, अशोक राणा, मनीष होर्रा, जयप्रकाश गुप्ता, सुरेश मिस्त्री, अशोक राणा, इंद्रलाल सोनी, उषा सहाय, डॉ वीणा अखौरी, कृष्ण कुमार गुप्ता, मिथुन राणा आदि ने भी विचार रखे. धन्यवाद ज्ञापन संजय खत्री ने किया.
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