:पारंपरिक रीति-रिवाज से विसर्जन हजारीबाग. हजारीबाग मारवाड़ी समाज की महिलाओं ने मंगलवार को गणगौर पूजा की. यह पूजा होली के दिन शुरू हुई थी. पूजा के अंतिम दिन महिलाओं ने विधि-विधान से गणगौर माता का पूजन किया और अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना की. कुंवारी कन्याओं ने मनचाहा वर पाने के लिए व्रत रखा. गणगौर पूजा चैत्र शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को की जाती है. इसमें भगवान शिव गौर माता पार्वती की उपासना की गयी. महिलाओं ने 18 दिनों तक साफ पटा, कलश, काली मिट्टी, होलिका दहन की राख, गोबर, मेहंदी, बिंदी, सिंदूर, काजल, इत्र, शुद्ध घी एवं अन्य पूजन सामग्री से गणगौर माता की पूजा की. महिलाओं ने व्रत रख कर गणगौर माता की कथा सुनने के बाद व्रत खोली. पूजा के बाद महिलाओं ने राजस्थानी लोकगीत गाये और पारंपरिक नृत्य किया. पूजा में शामिल महिलाओं ने कहा कि गणगौर हमारी संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है. इस पूजा के माध्यम से हम अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं. अपनी संस्कृति को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास करते हैं.
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