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एसडीओ ने नहीं दिया आदेश, मीनार और ध्वज का खंभा यथावत

हजारीबाग जिले के इचाक प्रखंड क्षेत्र के डुमरौन गांव में शिवरात्रि के दिन हुए दो गुटों के बीच उत्पन्न विवाद का समाधान आज फिर नहीं हो सका.

डुमरौन गांव में शिवरात्रि के दिन दो गुटों के बीच विवाद हो गया था 2 इचाक 1_ ग्रामीणों से बात करते एसडीओ 2 इचाक 2_ स्कूल गेट में लगा मीनार एवं भगवा ध्वज इचाक. हजारीबाग जिले के इचाक प्रखंड क्षेत्र के डुमरौन गांव में शिवरात्रि के दिन हुए दो गुटों के बीच उत्पन्न विवाद का समाधान आज फिर नहीं हो सका. एसडीओ लोकेश बारंगे का आदेश नहीं मिलने के कारण रविवार को सरकारी स्कूल के गेट में लगी मीनार एवं सामने भगवा ध्वज नहीं हटा. ज्ञात हो कि 26 फरवरी को शिवरात्रि पूजा के दौरान भगवा ध्वज के खंभे में लाउडस्पीकर लगाने को लेकर दो गुटों के बीच झड़प एवं आगजनी की घटना घटी थी. इसके बाद गांव में तनाव की स्थिति को देखते हुए पूरा गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया. जिसके बाद से आज तक पुलिस गांव में कैम्प कर रही है. वहीं गांव में शांति व्यवस्था बहाल करने को लेकर जनप्रतिनिधियों एवं दोनों समुदाय के गण मान्य लोगों की बैठक एक मार्च को पंचायत भवन डुमरौन में हुई. विवाद को सुलझाने का प्रयास हर वर्ग और हर तरीके से किया गया. शांति समिति की हुई बैठक में दोनों गुटों के लोग राजकीय प्राथमिक उर्दू विद्यालय डुमरौन के मुख्य गेट पर लगायी गयी मीनार और हिंदुस्तान चौक पर लगा धार्मिक ध्वज खंभा को हटाने पर राजी हुए. बैठक में बनी सहमति के मुताबिक रविवार को मीनार एवं ध्वज का खंभा को हटाने के लिए इचाक पुलिस प्रशासन के मौजूदगी में दोनों समुदाय के गणमान्य लोग जुटे. मीनार एवं ध्वज खंभा हटाने के लिए हाइड्रा मशीन भी लाया गया. इसके बाद हटाने का प्रक्रिया की जा रही थी. इसी बीच प्रशिक्षु आईएएस सह सदर अनुमंडल पदाधिकारी लोकेश बारंगे घटना स्थल पर पहुंचे. उन्होंने स्थिति का जायजा लिया. दोनों समुदाय के मुख्य लोगों से बातचीत की. एसडीओ के समक्ष लोगों ने पूर्व के निर्णय पर अमल करते हुए खंभा और मीनार हटाने की बात स्वीकार किया. इसके बाद एसडीओ ने इसकी जानकारी उपायुक्त नैंसी सहाय को दिया. डीसी से बात करने के बाद एसडीओ श्री बारंगे ने कहा कि विवाद भूमि से संबंधित है. इसलिए जिला प्रशासन की सहमति के बाद ही इस पर कुछ किया जा सकता है. एसडीओ के आदेश नहीं मिलने के कारण फिलहाल मीनार एवं ध्वज खंभा नहीं हटा. ग्रामीणों के द्वारा किया गया शांति पहल पर भी विराम लग गया. फिलहाल पुलिस कैंप कर रही है. मौके पर जिला परिषद अध्यक्ष उमेश प्रसाद मेहता, मुखिया चोहन महतो,बीस सूत्री अध्यक्ष मनोहर राम, उप प्रमुख सत्येंद्र कुमार, झामुमो नेता सुनील शर्मा समेत पुलिस की टीम व दोनों समुदाय के बुद्धिजीवी वर्ग मौजूद थे. एसडीओ लोकेश बारंगे ने बताया कि मामला भूमि से संबंधित है एक पक्ष के लोगों ने आवेदन देकर समय मांगा जिससे लगा कि पूर्ण सहमति नहीं बनी है.उसे समय दिया गया है.सहमति बनने पर निर्णय लिया जायेगा.

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