हजारीबाग. बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के एक वर्ष पूर्ण होने पर समाहरणालय परिसर से जागरूकता रथ को उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. रथ जिले के सभी प्रखंडों और पंचायतों में भ्रमण कर लोगों को बाल विवाह के दुष्परिणाम और कानूनी प्रावधानों की जानकारी देगा. उपायुक्त ने कहा कि बाल विवाह एक दंडनीय अपराध है, जिसमें दो वर्ष की सजा तथा एक लाख रुपये जुर्माना का प्रावधान है. इसमें माता-पिता, विवाह कराने वाले, आयोजन में शामिल व्यक्ति, नाई, रसोइया, बैंड और टेंट संचालक भी जिम्मेदार माने जायेंगे. उन्होंने बाल विवाह की सूचना तुरंत प्रशासन को देने की अपील की. कार्यक्रम की शुरुआत में उपविकास आयुक्त इश्तियाक अहमद ने उपस्थित अधिकारियों और कर्मियों को बाल विवाह की रोकथाम की शपथ दिलायी. उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों की भागीदारी से ही इस कुप्रथा का अंत संभव है. हजारीबाग को बाल विवाह मुक्त जिला बनाने के लिए 100 दिनों का विशेष अभियान चलाया जा रहा है. आज जिले के सभी विद्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों, कार्यालयों, पंचायतों और महिला समूहों में शपथ कार्यक्रम आयोजित हुए. कार्यक्रम में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सुनीता कुमारी, डीपीआरओ रोहित कुमार सहित कई अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे.
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